प्रलोभन देकर होता चुनाव-डाॅ0 यमुना तिवारी व्यथित
प्रलोभन देकर होता चुनाव लोकतंत्र का यह अपमान, जनता भी लोभित हो जाती रेबड़ी से जीत हुई आसान।....
प्रलोभन देकर होता चुनाव
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प्रलोभन देकर होता चुनाव
लोकतंत्र का यह अपमान,
जनता भी लोभित हो जाती
रेबड़ी से जीत हुई आसान।
विकास पथ होता अवरूद्ध
नहीं होता कोई जनहित काम?
अर्थतंत्र तो ठप्प पंगु हो जाता
भविष्य विजन पर लगे विराम।
एक से एक बढ़कर लालच
रोजगार को तो दे रही मात,
महंगाई की चर्चा हासिए पर
होती अब मुफ्तगिरी की बात।
'आप' पार्टी ने राजधानी को
बना दिया प्रदुषण का धाम,
विकास पैसा शीशमहल में
की लूटने का ही काम तमाम।
खजाना रिक्त रेबड़ी बाँट से
कचड़े का जगह जगह अंबार,
फिर भी केजरी झूठ परोसता
विश्व का सबसे बड़ा लाबार।
देश की तो दशा दिशा
तय करेगी दिल्ली चुनाव,
पीएम मोदी के चेतावे का
पड़ना चाहिए कुछ प्रभाव
-डाॅ0 यमुना तिवारी व्यथित
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