PC & PNDT Act Meeting: जमशेदपुर में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने दिए सख्त निर्देश
जमशेदपुर में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में पीसी एवं पीएनडीटी एक्ट को लेकर समीक्षा बैठक हुई। सोनोग्राफी केन्द्रों के संचालन, पंजीकरण और लिंग चयन पर रोक से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई।
पूर्वी सिंहभूम जिले में पीसी एंड पीएनडीटी (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) एक्ट के अनुपालन को लेकर शुक्रवार को समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी ने की।
बैठक में जिले के पंजीकृत सोनोग्राफी केन्द्रों की कार्यप्रणाली, नियमों के अनुपालन और लंबित आवेदनों पर विस्तार से समीक्षा की गई। साथ ही नये पंजीकरण, नये मशीन/बाय-बैक इंस्टॉलेशन, डॉक्टरों के नाम जोड़े जाने, केन्द्रों के स्थान परिवर्तन और लंबित मामलों के शीघ्र निष्पादन को लेकर चर्चा की गई।
सोनोग्राफी केन्द्रों को स्पष्ट निर्देश
उपायुक्त ने कहा कि पीसी एवं पीएनडीटी एक्ट का मुख्य उद्देश्य लिंग चयन और भ्रूण लिंग जांच जैसी गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक लगाना है। उन्होंने सभी सोनोग्राफी केन्द्रों को सख्त चेतावनी देते हुए निर्देशित किया कि-
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एक्ट के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करें।
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मरीजों से संबंधित रजिस्टर एवं ऑनलाइन एंट्री समय पर की जाए।
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नवीकरण और नये पंजीकरण के लिए आवेदन करने वाले केन्द्रों का शीघ्र सत्यापन किया जाए।
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यदि किसी केन्द्र में नियम उल्लंघन की शिकायत मिलती है तो तत्काल जांच और कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि नियमों के अनुपालन में किसी भी तरह की लापरवाही पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नियमित निरीक्षण और निगरानी
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पंजीकृत सोनोग्राफी केन्द्रों का नियमित निरीक्षण किया जाएगा। यदि कहीं भी भ्रूण लिंग जांच से जुड़ी गतिविधियों की शिकायत या संदेह सामने आता है तो जिला प्रशासन तत्काल जांच करेगा।
उपायुक्त ने संबंधित चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे निगरानी के साथ-साथ जन-जागरूकता गतिविधियों पर भी जोर दें। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या रोकने और “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” अभियान को सशक्त करने के लिए आम जनता को जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है।
भ्रूण लिंग जांच पर रोक का संदेश
उपायुक्त ने कहा कि समाज में भ्रूण लिंग जांच और लिंग चयन जैसी कुप्रथाओं पर रोक लगाने के लिए केवल प्रशासन ही नहीं, बल्कि सभी चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों और आम नागरिकों की भी जिम्मेदारी है। इस एक्ट का सख्ती से पालन तभी संभव है जब लोग जागरूक हों और गलत कार्यों की शिकायत करने में आगे आएं।
बैठक में शामिल अधिकारी
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, एसीएमओ, डीटीओ, डीआरसीएचओ समेत अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी और समिति के सदस्य उपस्थित थे। सभी ने मिलकर एक्ट के सख्त अनुपालन और जनता को जागरूक करने के लिए संयुक्त रणनीति बनाने पर सहमति जताई।
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