Chakulia Illegal Sand Mining : चाकुलिया में बालू माफियाओं के खिलाफ मुख्यमंत्री का आदेश बेअसर, रोज हो रहा है अवैध खनन
चाकुलिया में बालू माफियाओं द्वारा मुख्यमंत्री के आदेश का उल्लंघन करते हुए अवैध खनन जारी है। जानें इस गंभीर स्थिति और प्रशासन की निष्क्रियता पर रिपोर्ट।
जमशेदपुर (चाकुलिया), 21 दिसंबर 2024: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों को दिए गए आदेश के बावजूद चाकुलिया के स्वर्णरेखा नदी घाटों पर बालू का अवैध खनन और ढुलाई का सिलसिला जारी है। मुख्यमंत्री ने राज्य में अवैध खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन चाकुलिया के कुछ हिस्सों में बालू माफिया खुलेआम इन आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं।
बालू माफिया का बढ़ता असर: प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल
चाकुलिया के विभिन्न स्वर्णरेखा नदी घाटों से बालू माफिया द्वारा अवैध खनन का काम जारी है। इस कार्य में न केवल ट्रैक्टर बल्कि अन्य बड़े वाहनों का भी इस्तेमाल हो रहा है, जिनसे बालू को आसानी से गांवों और शहरों के विभिन्न स्थानों पर भेजा जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप बालू की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो गई है, जिससे ग्रामीणों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन के सामने यह पूरी प्रक्रिया बेधड़क चल रही है और स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण इस पर कोई रोक नहीं लग पा रही है। सरकारी आदेशों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है और बालू माफिया योजनाओं में ऊंचे दामों पर बालू बेचकर मालामाल हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री का आदेश: अवैध खनन पर सख्ती की बात
यह मामला उस समय और भी गंभीर हो जाता है जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में एक आदेश जारी किया था, जिसमें राज्य के सभी जिलों को निर्देशित किया गया था कि वे अवैध खनन को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं। लेकिन, चाकुलिया में जो स्थिति बन रही है, उससे यह साफ होता है कि प्रशासन या तो अनजान है या फिर उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
इससे यह सवाल उठता है कि प्रशासन की निष्क्रियता की वजह से बालू माफिया खुलेआम अपनी गतिविधियां चला रहे हैं और सरकार के आदेशों का कोई असर नहीं हो रहा है।
बालू की कीमत में वृद्धि से ग्रामीणों में असंतोष
बालू की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि से ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गांवों में चल रहे निर्माण कार्यों और विकास योजनाओं के लिए बालू की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। इससे गरीब और मिडिल क्लास परिवारों को भारी परेशानी हो रही है। सरकारी योजनाओं के लिए निर्धारित मूल्य पर भी बालू माफिया उसे कई गुना ऊंचे दामों पर बेचने का काम कर रहे हैं।
क्या है प्रशासन की भूमिका?
जिले के प्रशासन ने इस अवैध खनन को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं, जबकि मुख्यमंत्री के आदेश की पूरी तरह से अवहेलना की जा रही है। चाकुलिया के स्थानीय प्रशासन को यह समझना होगा कि यदि इस पर तत्काल कार्रवाई नहीं की जाती है, तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है। यह बालू माफिया न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि समाज के गरीब तबकों के लिए भी यह बहुत बड़ा संकट बन चुका है।
चाकुलिया के बालू माफिया के खिलाफ क्या कदम उठाए जाएंगे?
चाकुलिया के हालात में सुधार के लिए यह जरूरी हो गया है कि प्रशासन कड़ी कार्रवाई करे और मुख्यमंत्री के आदेशों को गंभीरता से लागू करे। इसके लिए न केवल स्थानीय अधिकारियों को सक्रिय होना होगा, बल्कि सरकारी एजेंसियों को भी मिलकर इस अवैध खनन को रोकने के लिए कदम उठाने होंगे।
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