निकोटीन की साजिश: पान मसाला बना रहा नशेड़ी, रजनीगंधा समेत बड़े ब्रांडों का पर्दाफाश
पान मसाला कंपनियां दावा करती हैं कि उनके उत्पाद तंबाकू मुक्त हैं, लेकिन जांच में निकोटीन मिला। रजनीगंधा सहित कई बड़े ब्रांड जांच के घेरे में। जानिए पूरी सच्चाई।
30 सितंबर 2024: भारत में पान मसाला कंपनियों पर एक बड़ा खुलासा हुआ है। सरकार की राष्ट्रीय तंबाकू परीक्षण प्रयोगशाला ने रजनीगंधा सहित सात बड़े ब्रांडों के नमूनों की जांच की। रिपोर्ट में पाया गया कि इन सभी पान मसालों में खतरनाक रसायन "निकोटीन" मौजूद है। ये कंपनियां अपने उत्पादों पर 0 प्रतिशत तंबाकू होने का दावा करती हैं। लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल उलट है।
हाल ही में बिहार सरकार ने इन ब्रांडों के नमूनों को परीक्षण के लिए भेजा। जांच में यह सामने आया कि रजनीगंधा, कमला पासंद, मधु, सुप्रीम, राजश्री, सिग्नेचर और रौनक पान मसालों में निकोटीन है। इस रिपोर्ट ने साबित किया कि ये पान मसाले असल में गुटखा ही हैं।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए टाटा मेमोरियल सेंटर के डॉ. पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि पान मसाला कंपनियां जनता को गुमराह कर रही हैं। उन्होंने कहा, "इन उत्पादों को देशभर में तुरंत बैन किया जाना चाहिए।"
खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2011 के अनुसार, किसी भी खाद्य उत्पाद में निकोटीन मिलाना गैरकानूनी है। 2013 में सर्वोच्च न्यायालय ने भी पान मसाला में निकोटीन पर बैन लगाया था। इसके बावजूद, ये कंपनियां अपने उत्पादों में इसे मिलाकर बेच रही हैं।
मैक्स अस्पताल के डॉ. हरित चतुर्वेदी ने कहा कि पान मसाला खुद ही बेहद खतरनाक होता है। इसमें निकोटीन मिलाने से यह और ज्यादा जहरीला हो जाता है। उन्होंने कहा कि इन उत्पादों के विज्ञापन पर भी रोक लगनी चाहिए।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि पान मसाला में पाए गए जहरीले रसायन मुंह और गले के कैंसर का कारण बनते हैं। भारत में हर साल करीब 80,000 नए कैंसर के मामले सामने आते हैं। इनमें से 90 प्रतिशत मामले चबाने वाले तंबाकू से जुड़े होते हैं।
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