Palamu Murder: खौफनाक कत्ल, सिर पर कुदाल और बटखरे से वार, दलपतपुर में बेरहमी से मारी गई बेबी देवी खून
पलामू के पिपरा थाना क्षेत्र स्थित दलपतपुर में एक महिला की कुदाल और बटखरे से प्रहार कर नृशंस हत्या कर दी गई है और ससुराल वाले कमरे में ताला बंद कर फरार हो गए हैं। बिना संतान की इस महिला के साथ हुई दरिंदगी और मायके वालों द्वारा लगाए गए बच्चेदानी निकलवाने जैसे गंभीर आरोपों की पूरी हकीकत यहाँ दी गई है वरना आप भी इस खौफनाक साजिश की गहराई को नहीं समझ पाएंगे।
पलामू, 22 दिसंबर 2025 – झारखंड के पलामू जिले के पिपरा थाना क्षेत्र में इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। दलपतपुर गांव में 38 वर्षीय बेबी देवी की उनके ही ससुराल में अत्यंत बर्बरता के साथ हत्या कर दी गई। हत्यारों ने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए महिला के सिर पर कुदाल और वजन तौलने वाले लोहे के बटखरे से तब तक वार किए, जब तक उसकी सांसें नहीं थम गईं। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी घर के बाहर ताला लगाकर अंधेरे में फरार हो गए। सोमवार को जब पुलिस ने कमरा खोला, तो भीतर का नजारा देख अनुभवी अधिकारियों के भी रोंगटे खड़े हो गए।
इतिहास: पलामू के ग्रामीण अंचलों में 'दूसरी पत्नी' और प्रताड़ना का दंश
पलामू और आसपास के सीमावर्ती क्षेत्रों में ऐतिहासिक रूप से पारिवारिक संरचनाओं में दूसरी शादी के बाद संपत्ति और उत्तराधिकार को लेकर विवादों का एक लंबा और खूनी इतिहास रहा है। $2012$ में जब बेबी देवी की शादी राजकेश्वर यादव से हुई थी (जिनकी पहली पत्नी का निधन हो चुका था), तब इसे एक नए जीवन की शुरुआत माना गया था। लेकिन समाजशास्त्रीय नजरिए से देखें तो ऐसे मामलों में अक्सर 'सौतेले' रिश्तों के बीच तनाव की गहरी खाई बन जाती है। पिछले एक दशक में पिपरा और हुसैनाबाद क्षेत्रों में घरेलू हिंसा के ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहाँ संतान न होने को महिला की कमजोरी मानकर उसे प्रताड़ित किया गया। बेबी देवी का मामला इसी सामाजिक कुरीति और क्रूरता का चरम है।
कुदाल, बटखरा और बंद कमरा: मौत की वो रात
रविवार की देर शाम दलपतपुर गांव के एक घर में चीखें उठीं, लेकिन उन्हें दीवारों के भीतर ही दबा दिया गया।
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हमले की तीव्रता: पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, हमला योजनाबद्ध था। सिर पर भारी बटखरे और फिर धारदार कुदाल से कई वार किए गए, जिससे बेबी देवी को संभलने का मौका तक नहीं मिला।
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पलायन की साजिश: हत्या के बाद साक्ष्यों को छिपाने या गिरफ्तारी से बचने के लिए पति और सौतेले बेटों ने बाहर से कुंडी लगाई और गांव छोड़कर निकल गए।
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ग्रामीणों का शक: काफी देर तक घर में सन्नाटा पसरा देख पड़ोसियों को अनहोनी का अहसास हुआ, जिसके बाद मायके पक्ष और फिर पुलिस को सूचित किया गया।
बच्चेदानी निकलवा दी और फिर मार डाला: मायके का गंभीर आरोप
बिहार के औरंगाबाद जिले (कर्मा गांव) से पहुँचे मृतका के भाई अजय यादव ने जो खुलासे किए, वे रूह कंपा देने वाले हैं।
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अमानवीय प्रताड़ना: अजय का आरोप है कि बेबी देवी को संतान न होने के कारण सालों से ताने दिए जाते थे। उन्होंने दावा किया कि ससुराल वालों ने साजिश के तहत उनकी बहन की बच्चेदानी भी निकलवा दी थी।
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नामजद आरोपी: मृतका के भाई ने पति राजकेश्वर यादव, सौतेले बेटे पिंटू यादव, उसकी पत्नी रिंकी देवी, पंकज यादव, भसुर कामेश्वर यादव और उसकी पत्नी झिनिया देवी को इस हत्याकांड का मुख्य सूत्रधार बताया है।
हत्याकांड का संक्षिप्त विवरण (Crime File)
| विवरण | जानकारी |
| मृतक का नाम | बेबी देवी (38 वर्ष) |
| हत्या का हथियार | कुदाल और बटखरा |
| मुख्य आरोपी | पति, सौतेला बेटा एवं अन्य परिजन |
| थाना क्षेत्र | पिपरा, पलामू |
| जांच अधिकारी | विमल कुमार (थाना प्रभारी) |
पुलिस की कार्रवाई और फरार आरोपियों की तलाश
पिपरा थाना प्रभारी विमल कुमार ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के बाद मायके वालों को सौंपने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। पुलिस की तीन अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं जो पलामू और औरंगाबाद के संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। पुलिस का मानना है कि हत्या में परिवार के एक से अधिक सदस्य शामिल थे, क्योंकि एक व्यक्ति के लिए इतनी सफाई से वारदात कर फरार होना मुश्किल है।
न्याय के इंतजार में दलपतपुर
बेबी देवी की हत्या ने एक बार फिर समाज में महिलाओं की सुरक्षा और पारिवारिक कलह के वीभत्स रूप को उजागर किया है। एक महिला जो अपना घर बसाने आई थी, उसे कुदाल और बटखरे से मौत के घाट उतार दिया गया। अब सबकी निगाहें पलामू पुलिस पर हैं कि वे कब तक इन 'हत्यारे' परिजनों को सलाखों के पीछे पहुँचाते हैं।
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