पकरीबरावां निरीक्षण: स्वच्छता अभियान में गोवर्धन योजना का प्रगति मूल्यांकन
नवादा की उप विकास आयुक्त प्रियंका रानी ने पकरीबरावां और वारिसलीगंज में कचरा उठाओ और गोवर्धन योजना का निरीक्षण किया। स्वच्छता अभियान को गति देने के लिए निर्देश जारी।
नवादा जिले में स्वच्छता को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए उप विकास आयुक्त (डीडीसी) श्रीमती प्रियंका रानी ने एक महत्वपूर्ण पहल की। उन्होंने पकरीबरावां प्रखंड के ग्राम पंचायत एरुरी और वारिसलीगंज प्रखंड के चकवाई में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत चल रही योजनाओं का स्थल निरीक्षण किया।
गोवर्धन योजना के लाभार्थियों से सीधा संवाद
निरीक्षण के दौरान डीडीसी ने गोवर्धन योजना के तहत लाभान्वित परिवारों से मुलाकात की।
- उन्होंने परिवारों की प्रतिक्रिया ली और उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया।
- योजना की सफलता और प्रभाव को बढ़ाने के लिए डीडीसी ने मौके पर ही आवश्यक निर्देश दिए।
गोवर्धन योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों में जैविक कचरे का प्रसंस्करण और उसके उपयोग से स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है।
कचरा उठाओ और प्रसंस्करण इकाइयों का निरीक्षण
डीडीसी ने कचरा प्रसंस्करण इकाई और नियमित कचरा उठाओ की प्रक्रिया का गहन निरीक्षण किया।
- स्थानीय प्रशासन को निर्देश:
- नियमित कचरा उठाने की प्रक्रिया सुनिश्चित करें।
- 30 रुपये उपभोक्ता शुल्क लेने की व्यवस्था की जाए ताकि इस योजना का वित्तीय ढांचा मजबूत हो सके।
डीडीसी ने यह भी सुनिश्चित किया कि सभी पंचायतों में स्वच्छता अभियान की गति बनी रहे और इसे प्रभावी रूप से लागू किया जाए।
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, स्वच्छ भारत मिशन के तहत बिहार सरकार की एक पहल है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस और तरल कचरे का प्रबंधन करना है।
- गोवर्धन योजना: यह योजना विशेष रूप से पशुओं के गोबर और अन्य जैविक कचरे को उपयोगी संसाधनों में बदलने के लिए चलाई जा रही है।
- कचरा प्रसंस्करण इकाई: ठोस कचरे को वैज्ञानिक तरीके से नष्ट करने और उसका पुनर्चक्रण सुनिश्चित करने के लिए ये इकाइयां स्थापित की गई हैं।
इस योजना का उद्देश्य सिर्फ स्वच्छता नहीं बल्कि पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन भी है।
निरीक्षण के मुख्य बिंदु
- साइट पर प्रगति का आकलन: डीडीसी ने कचरा उठाओ और प्रसंस्करण इकाइयों की प्रगति का आकलन किया।
- स्थानीय प्रशासन को सख्त निर्देश: नियमित कचरा उठाओ के लिए समयबद्धता सुनिश्चित करें।
- लाभार्थियों से संवाद: योजनाओं की उपयोगिता को समझने और उनकी प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए सीधा संवाद।
डीडीसी का दृष्टिकोण
डीडीसी ने कहा, "स्वच्छता अभियान के तहत सभी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन तभी संभव है जब स्थानीय प्रशासन और समुदाय मिलकर काम करें। गोवर्धन योजना न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि ग्रामीण विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।"
लोगों की प्रतिक्रियाएं
एरुरी और चकवाई के ग्रामीणों ने योजना के प्रभाव को सकारात्मक बताया लेकिन कुछ क्षेत्रों में बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता पर बल दिया।
- ग्रामीणों ने कहा कि गोवर्धन योजना से कचरे का निस्तारण आसान हुआ है।
- उन्होंने नियमित कचरा उठाओ और प्रसंस्करण इकाइयों के संचालन में तेजी लाने की मांग की।
डीडीसी श्रीमती प्रियंका रानी द्वारा किया गया यह निरीक्षण स्वच्छता अभियान की प्रगति को और गति देगा। गोवर्धन योजना और कचरा उठाओ जैसे कदम ग्रामीण स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।
"सिर्फ योजनाओं का निर्माण ही नहीं, उनका सही क्रियान्वयन ही जिले के विकास को सुनिश्चित करेगा।"
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