Nawada Assault – एएनएम पर हमले का आरोपी 12 घंटे में गिरफ्तार, पुलिस की त्वरित कार्रवाई से स्वास्थ्यकर्मी संतुष्ट
नवादा के सिरदला में एएनएम पर हमले के आरोपी को पुलिस ने 12 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया। स्वास्थ्य कर्मियों ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई पर संतोष जताया। पढ़ें पूरी खबर।
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नवादा जिले के सिरदला प्रखंड स्थित भलुआ गांव में शुक्रवार को एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफ) प्रेमा देवी पर हुए हमले के आरोपी को पुलिस ने 12 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने राहत की सांस ली और आरोपी के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की।
घटना का पूरा विवरण
भलुआ गांव में शुक्रवार को एएनएम प्रेमा देवी नियमित टीकाकरण अभियान के तहत आंगनबाड़ी केंद्र पहुंची थीं। इसी दौरान गांव के ही वीरेंद्र कुमार ने उनके साथ मारपीट की। घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग में आक्रोश फैल गया। प्रेमा देवी ने घटना की जानकारी थाने को दी, जिसके बाद सिरदला थानाध्यक्ष ने तत्परता दिखाते हुए टीम गठित कर छापेमारी शुरू की।
पुलिस ने आरोपी को रजौली-ढाबा मार्ग से भागने के प्रयास के दौरान गिरफ्तार कर लिया। उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई से संतोष
स्वास्थ्य विभाग के सभी ANM, GNM, हेल्थ मैनेजर और चिकित्सा प्रभारियों ने सिरदला पुलिस की त्वरित कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया। स्वास्थ्य कर्मियों ने मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए।
स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा पर सवाल
स्वास्थ्य विभाग में ऐसी घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं, क्योंकि ये कर्मी ग्रामीण इलाकों में अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा देती हैं। एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कर्मियों को अक्सर टीकाकरण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के दौरान असुरक्षित परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।
स्वास्थ्य विभाग ने उठाई सुरक्षा की मांग
घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण जैसे अभियानों के दौरान पुलिस सुरक्षा की व्यवस्था की जाए।
इतिहास: स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले क्यों होते हैं?
भारत में स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले कोई नई बात नहीं है। अक्सर ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी, अंधविश्वास और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर फैली गलतफहमियां ऐसे हमलों का कारण बनती हैं। 2020 में महामारी के दौरान भी देश के कई हिस्सों में फ्रंटलाइन वर्कर्स पर हमले की घटनाएं सामने आई थीं।
नवादा पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने एक मिसाल कायम की है, लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक समाधान की जरूरत है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को मिलकर ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे स्वास्थ्यकर्मी बिना किसी डर के अपनी सेवाएं दे सकें।
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