National Ramayan Mela :भाटापारा में Ramayan Mela का भव्य आयोजन, जानिए कौन-कौन होंगे शामिल
भाटापारा, छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय रामायण मेला का आयोजन। जानें, किस तरह से यह आयोजन बना रहा है भक्तिमय माहौल और कौन-कौन हैं शामिल।
भाटापारा (छत्तीसगढ़): भगवान श्रीराम की पावन स्मृतियों को सजीव करता राष्ट्रीय रामायण मेला भाटापारा में 29 नवंबर से 1 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है। तीन दिवसीय यह आयोजन छत्तीसगढ़ के यज्ञशाला नाका नंबर 1 में होगा। आयोजन में विभिन्न राज्यों के प्रसिद्ध संतों, विद्वानों, गायकों, और कलाकारों का समागम देखने को मिलेगा। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय रामायण मेला समिति के तत्वाधान में हो रहा है।
भजन मंडलियों की अनोखी प्रस्तुतियां
रामायण मेला के पहले दिन का शुभारंभ कलश यात्रा और शोभायात्रा से होगा। इसके बाद भजन मंडलियां भक्तिमय माहौल तैयार करेंगी। बनारस घराना से कंचन पाठक, बिहार की रौनक रमन, झांसी के रघुवीर यादव, और बिलासपुर के सूरज साहू जैसी प्रसिद्ध भजन मंडलियां अपनी प्रस्तुतियां देंगी।
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के देवनाथ कुंभकार (सिमगा), एम.डी. वैष्णव (आमाकोनी) और चेतन (पहंदा) जैसे कलाकार भी भक्ति के रंग में माहौल को रंगेंगे।
रामायण पर विद्वानों की चर्चा
रामायण मेला का दूसरा सत्र विद्वानों की परिचर्चा को समर्पित होगा। दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक आयोजित इस परिचर्चा में देशभर के रामायण मर्मज्ञ अपने विचार साझा करेंगे।
इस चर्चा में भाग लेने वाले प्रमुख नाम हैं:
- आशा ओझा तिवारी (बिहार)
- शकुंतला वैष्णव (लोहारी सिमगा)
- सनत कुमार शास्त्री (चित्रकूट धाम)
- डॉ. राम रतन श्रीवास "राधे राधे" (बिलासपुर)
संतों का दिव्य प्रवचन
शाम 4 बजे से 6 बजे तक का सत्र संतों के प्रवचन के लिए समर्पित होगा।
प्रमुख संतों में शामिल हैं:
- दंडी स्वामी श्रीमज्ज्योतिर्मयानंद सरस्वती (लक्षेश्वर धाम, सलधा)
- साध्वी वंदना दुबे (चित्रकूट)
- साध्वी राजश्री (वृंदावन)
इन संतों की वाणी श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेगी।
रंगारंग सांस्कृतिक छटा
रामायण मेला का समापन प्रतिदिन शाम 7 बजे से 10 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ होगा।
प्रमुख आकर्षण होंगे:
- अनुपमा त्रिपाठी (जयपुर घराना)
- वनलता साधना ग्रुप (गुवाहाटी)
- अमर द्विवेदी (रीवा)
- आदर्श संस्कार भारती (केसली)
इन प्रस्तुतियों में रामायण के विभिन्न प्रसंगों को नृत्य और नाटकों के माध्यम से दर्शाया जाएगा।
भाटापारा और रामायण का ऐतिहासिक संबंध
छत्तीसगढ़, जिसे भगवान श्रीराम का ननिहाल कहा जाता है, रामायण के कई महत्वपूर्ण प्रसंगों का साक्षी रहा है। भाटापारा का यह आयोजन छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व पटल पर प्रस्तुत करने का प्रयास है।
आयोजन में भागीदारी की अपील
राष्ट्रीय रामायण मेला समिति ने क्षेत्रीय जनता और देशभर के राम भक्तों से इस आयोजन में भाग लेने की अपील की है। यह आयोजन रामायण की समृद्ध परंपरा और उसकी शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास है।
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