मुफ्त की सियासत की बोझ-डाॅ0 यमुना तिवारी व्यथित
दिल्ली वासी झोला ले कर करते मुफ्त पाने का इंतजार, सारे दल तो वादों की रेबड़ी बाँटने को बिल्कुल ही तैयार ।
मुफ्त की सियासत की बोझ
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दिल्ली वासी झोला ले कर
करते मुफ्त पाने का इंतजार,
सारे दल तो वादों की रेबड़ी
बाँटने को बिल्कुल ही तैयार ।
मुफ्त मिल रहा सबको पानी
पर नसीब नहीं है साफ जल,
प्रदुषण से नहीं मिली मुक्ति
शहर वासी संग किया छल।
जगह जगह राजधानी में
कचड़ों की लगी ऊँच पहाड़,
यमुना जी का जल बदबूदार
भरमाने को नेता रहे दहाड़।
मुफ्त बिजली सबको नहीं
कई क्षेत्रों में नहींअभी बिजली,
केजरी ऐलान लगता हास्यास्पद
जनता सब उड़ा रही खिल्ली।
केजरी के संग संग कई मंत्री
घोटालों में जेल होकर आए,
शराब घोटाले की चढ़ी भेंट
केजरी शीशमहल बनवाए।
कांग्रेस का इतिहास मलीन
किया अंबेडकर का अपमान,
नेहरू इनके तो घोर विरोधी
नहीं की बाबा साहब सम्मान।
वंशवाद ने स्वयं लिया
बेशर्म होकर भारतरत्न,
नहीं दिया अंबेडकर को
उनके प्रति तो दूषित मन।
मिथ्या गढ़ हरदम नैरेटिव
करती रहती धरना-प्रदर्शन,
पड़ जाता सदा उल्टा दाव
पर करती नहीं चिंता मंथन।
जब गैर कांग्रेसी सरकार बनी
तब भारतरत्न अंबेडकर को,
कांग्रेस किस मुँह से कहती
सम्मान करती बेहद उनको।
-डाॅ0 यमुना तिवारी व्यथित
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