पिया संग - गीता शर्मा जी, छत्तीसगढ़

पिया संग - गीता शर्मा जी, छत्तीसगढ़

Jul 10, 2024 - 21:37
Jul 11, 2024 - 14:58
 0
पिया संग - गीता शर्मा जी, छत्तीसगढ़

पिया संग

कल जागी मैं पिया  के संग।
तन- मन मेरा पिया के रंग।।

अपनी ओढ़नी की गांठ में 
 बांधा सब  पिया के अंग।।

न की परवाह संसार की मैंने।
न हुआ तन- मन मेरा बदरंग।।

बिखर कर निखर गयी मैं।
 मगन हुआ मेरा अंग प्रत्यंग।।

हुई बावली सुध -बुध खोई।
  अब मन हुआ  मेरा सतरंग ।।
 
गीता शर्मा जी
छत्तीसगढ़

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।