पुणे एक्सीडेंट: नाबालिग द्वारा पोर्शे कार से दो की मौत, 15 घंटों में कोर्ट से जमानत
पुणे में एक तेज रफ्तार पोर्शे कार हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। आरोपी नाबालिग को 15 घंटे के भीतर कोर्ट से जमानत मिल गई, जिसमें काउंसलिंग और निबंध लिखने जैसी शर्तें रखी गईं।
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कभी-कभार कानूनी बिंदुओं के जो परिणाम सामने आते हैं, उन्हें देखकर हैरानी होती है। ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के पुणे से सामने आया है, जहां रोड एक्सीडेंट में दो लोगों की मौत हो गई और आरोपी नाबालिग को 15 घंटे के भीतर जमानत मिल गई। इस कानूनी पहलू को समझना बेहद जरूरी है।
गाड़ी चलाने वाला आरोपी नाबालिग
शनिवार की रात पुणे में एक तेज रफ्तार पोर्शे कार ने दो लोगों, अनीश और अश्विनी, को कुचल दिया। यह खुलासा हुआ कि कार चलाने वाला एक नाबालिग था। और सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इस नाबालिग को घटना के 15 घंटे के भीतर कोर्ट से जमानत मिल गई।
इस कानूनी स्थिति पर अधिक प्रकाश डालते हुए, इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीनियर वकील रवि सिन्हा ने बताया कि रोड एक्सीडेंट के मामलों में मुख्य रूप से दो धाराओं के तहत केस दर्ज होते हैं। पहली धारा 304 और दूसरी धारा 304ए।
कौन सी धारा कब लागू होती है?
यदि कोई व्यक्ति गाड़ी चला रहा है और अचानक से गाड़ी नियंत्रण से बाहर हो जाए और एक्सीडेंट हो जाए जिसमें किसी की मृत्यु हो जाए, तो ऐसे मामलों में धारा 304ए लागू होती है, जिसमें अधिकतम सजा दो साल की होती है और आरोपी को थाने से ही जमानत मिल जाती है।
दूसरी ओर, यदि व्यक्ति तेज गति से या शराब के नशे में गाड़ी चला रहा हो और हादसा हो जाए जिसमें किसी की मौत हो, तो धारा 304 लागू होती है। इसमें अधिकतम सजा 10 साल तक की हो सकती है और आरोपी को थाने से जमानत नहीं मिलती, बल्कि कोर्ट से जमानत लेनी पड़ती है।
पुणे हादसे में लागू हुई धारा
पुणे सिटी पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार के अनुसार, इस मामले में आरोपी नाबालिग के खिलाफ धारा 304 के तहत केस दर्ज किया गया है। इसके अलावा, आरोपी के पिता और बार के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है, जहां नाबालिग को शराब परोसी गई थी।
जमानत की शर्तें
रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपी को 15 घंटे के भीतर जमानत मिल गई। हालांकि, कोर्ट ने जमानत की शर्तों में आरोपी से दुर्घटनाओं पर निबंध लिखने और शराब की लत के इलाज के लिए काउंसलिंग लेने की शर्तें रखीं।
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