Jamshedpur Crime : थाना परिसर में खूनी संघर्ष करने वाले दो और दबोचे, बाकी भी जल्द होंगे सलाखों के पीछे

मानगो थाना परिसर में पुलिस की मर्यादा तार-तार करने वाले सगीर और शहीद अब सलाखों के पीछे पहुँच चुके हैं। अब तक नौ लोग जेल भेजे जा चुके हैं और बाकी फरार आरोपियों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। जमशेदपुर प्रशासन की इस बड़ी कार्यवाही से पूरे क्षेत्र के अपराधियों में खौफ का माहौल है।

Dec 18, 2025 - 10:19
Dec 18, 2025 - 10:20
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Jamshedpur Crime : थाना परिसर में खूनी संघर्ष करने वाले दो और दबोचे, बाकी भी जल्द होंगे सलाखों के पीछे
Jamshedpur Crime : थाना परिसर में खूनी संघर्ष करने वाले दो और दबोचे, बाकी भी जल्द होंगे सलाखों के पीछे

जमशेदपुर, 18 दिसंबर 2025 लौहनगरी के मानगो क्षेत्र में कानून की मर्यादा को ललकारने वाले तत्वों पर प्रशासन ने अपना शिकंजा और कड़ा कर दिया है। मानगो थाना परिसर के भीतर हुए भीषण हंगामे और हिंसक मारपीट के मामले में आरक्षी दल ने बुधवार को दो और नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार करके कारागार भेज दिया है। यह कार्यवाही उन अराजक तत्वों के लिए एक कड़ा संदेश है जो न्याय के मंदिर को रणभूमि बनाने का दुस्साहस करते हैं।

सगीर और शहीद की हुई नाटकीय बंदी

चौदह दिसंबर की उस काली शाम को थाने के भीतर जो तांडव मचा था, उसकी जांच कर रही विशेष टीम ने बुधवार को बड़ी सफलता हासिल की। गिरफ्तार किए गए नए आरोपियों की पहचान सगीर और शहीद के रूप में हुई है। इन दोनों पर थाना परिसर में भीड़ को उकसाने और आरक्षियों के सामने ही दूसरे पक्ष पर जानलेवा हमला करने का गंभीर आरोप है। न्यायालय में प्रस्तुति के बाद दोनों को चौदह दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।

  • अब तक की प्रगति: इस काले प्रकरण में कुल तेरह (13) लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी। प्रारंभिक चरण में सात लोगों को जेल भेजा गया था, और अब सगीर व शहीद की गिरफ्तारी के बाद कुल संख्या नौ (09) हो गई है। शेष चार आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है।

मानगो थाने का इतिहास और प्रशासनिक साख

मानगो क्षेत्र जमशेदपुर का अत्यंत संवेदनशील इलाका माना जाता रहा है। इतिहास गवाह है कि इस क्षेत्र में सामुदायिक और गुटीय तनाव को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को सदैव अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ती है। थाना परिसर को वह सुरक्षित स्थान माना जाता है जहाँ आम आदमी न्याय की आशा लेकर जाता है। किन्तु, जब उसी परिसर के भीतर खूनी संघर्ष होता है, तो यह सीधे राज्य की सत्ता को चुनौती देने जैसा होता है।

अतीत में भी जमशेदपुर पुलिस ने ऐसे दुस्साहस करने वालों के विरुद्ध 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाई है। यही कारण है कि इस बार भी बिना किसी राजनीतिक दबाव के दोषियों को चिह्नित कर सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है।

निगरानी कैमरों ने खोला राज

थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपियों की पहचान के लिए परिसर में लगे आधुनिक निगरानी कैमरों (सीसीटीवी) का सहारा लिया गया है। फुटेज में साफ देखा गया कि कैसे दो पक्ष बातचीत के दौरान उग्र हुए और फिर हिंसा पर उतारू हो गए।

विवरण संख्या स्थिति
कुल नामजद अभियुक्त 13 प्राथमिकी दर्ज
पूर्व में जेल गए 07 न्यायिक हिरासत में
ताजा गिरफ्तारी 02 सगीर और शहीद
अभी भी फरार 04 छापेमारी जारी

प्रशासनिक चेतावनी और जनता की सुरक्षा

आरक्षी अधिकारियों ने कड़े शब्दों में कहा है कि थाना परिसर के भीतर किसी भी प्रकार का अमर्यादित व्यवहार अक्षम्य है। जो लोग यह सोचते हैं कि वे भीड़ की आड़ में बच जाएंगे, उन्हें सगीर और शहीद का अंजाम देख लेना चाहिए। प्रशासन अब फरार चार आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की दिशा में भी विचार कर रहा है।

नगरवासियों ने पुलिस की इस त्वरित कार्यवाही का स्वागत किया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि ऐसी घटनाओं से आम आदमी का भरोसा डगमगाता है, लेकिन दोषियों की जेल यात्रा एक सकारात्मक कदम है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।