Land Dispute: जमीन विवाद ने ली जान, रसिक माझी की हत्या से इलाके में सनसनी
जमशेदपुर के मानगो थाना क्षेत्र में जमीन विवाद को लेकर 48 वर्षीय रसिक माझी की हत्या। पुलिस ने दो आरोपियों को हिरासत में लिया। जानें पूरे मामले की चौंकाने वाली जानकारी।
जमशेदपुर के मानगो थाना क्षेत्र में जमीन विवाद के चलते 48 वर्षीय रसिक माझी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। घटना मानगो एनएच स्थित कुमरुम बस्ती की है, जहां रसिक माझी का पड़ोसियों के साथ झाड़ियों की कटाई को लेकर विवाद हुआ। मामला इतना बढ़ गया कि इसे जानलेवा अंजाम मिल गया।
क्या है पूरा मामला?
मृतक रसिक माझी की भाभी सुकुरमनी माझी ने बताया कि उनके पड़ोस में रहने वाले धनंजय कुमार और मृत्युंजय कुमार झाड़ियों की कटाई कर रहे थे। रसिक ने इस पर आपत्ति जताई, जिसके बाद दोनों भाइयों ने लाठी-डंडों से रसिक पर हमला कर दिया। पिटाई से गंभीर रूप से घायल रसिक को आरोपी खाट पर लेटा कर मौके से फरार हो गए।
सुकुरमनी के मुताबिक, रसिक माझी की पत्नी मायके में रहती है और परिवार के अन्य सदस्य गांव में हैं। रसिक अपने बेटे के साथ मेहनत-मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करता था।
पहले भी हो चुका है विवाद
यह पहला मौका नहीं है जब इन दोनों परिवारों के बीच जमीन को लेकर विवाद हुआ हो। पहले भी झगड़े की घटनाएं सामने आई थीं। पुलिस को मौके पर बुलाया गया, जिसने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल, धनंजय और मृत्युंजय को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
आरोपियों की सफाई
इस मामले में आरोपियों ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि उनके घर के पास झाड़ियां उग आई थीं, जहां गलत काम होने की जानकारी मिली थी। इसे देखते हुए उन्होंने झाड़ियों की कटाई की बात सुकुरमनी माझी से की थी। सुकुरमनी ने अनुमति दी, लेकिन जब रसिक वहां पहुंचे, तो उन्होंने इसका विरोध किया।
आरोपियों का दावा है कि रसिक नशे की हालत में थे और धक्का-मुक्की के दौरान पत्थर पर गिर गए, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं।
जमीन विवाद का इतिहास
झारखंड में जमीन विवाद की घटनाएं आम हैं। खासकर आदिवासी और स्थानीय निवासियों के बीच इस तरह के विवाद अक्सर देखे जाते हैं। जमीन विवाद का जड़ अक्सर पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे या कब्जे को लेकर होता है। इस मामले में भी झाड़ियों की कटाई विवाद की वजह बनी।
इलाके में तनाव का माहौल
इस घटना के बाद कुमरुम बस्ती में तनाव का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जमीन विवाद को समय रहते न सुलझाने का खामियाजा रसिक माझी को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा।
पुलिस का बयान
पुलिस ने बताया कि जमीन विवाद को लेकर दोनों परिवारों के बीच पुरानी दुश्मनी थी। इस मामले में जांच चल रही है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना न केवल जमीन विवाद की गंभीरता को उजागर करती है, बल्कि प्रशासन और स्थानीय निवासियों के बीच बेहतर संवाद की जरूरत को भी रेखांकित करती है। ऐसे मामलों में समय रहते हस्तक्षेप न करना अक्सर हिंसा का रूप ले लेता है।
झारखंड में बढ़ती जमीन विवाद की घटनाओं से यह सवाल उठता है कि क्या इस दिशा में प्रशासन कोई ठोस कदम उठाएगा? या फिर ऐसी घटनाएं यूं ही जारी रहेंगी?
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