ज़िंदगी की सिख: संघर्ष, उम्मीद और आत्मविश्वास
यह कविता जीवन की कठिनाइयों, संघर्षों और आत्मविश्वास की ताकत को दर्शाती है। हर मोड़ पर सिख, हर कदम पर उम्मीद, और कभी हार न मानने की प्रेरणा देती है।
ज़िंदगी की सिख: संघर्ष, उम्मीद और आत्मविश्वास
ज़िंदगी का सिखा ही देती है।
ज़िंदगी एक किताब है, हर पन्ना नया,
कुछ हंसाता, कुछ रुलाता, यह सिखाता सदा।
राहें कभी कांटों भरी, कभी फूलों की कोमल।
हर कदम पर एक सीख, हर मोड़ पर कुछ नया।
गिरते हैं, संभलते हैं, ये फिर भी रोज चलते है,
चोट लगे तो भी चलना पड़ता है।
खुद ही गिरकर खुद ही संभालना पड़ता है।
आसमान भी झुकता है, देखो उनके आगे,
जो झंझाओं से लड़ते, नहीं झुकते मुश्किलों के आगे।
हर ग़म में छिपा है, सुख का कोई किनारा।
बस ढूंढने का हुनर चाहिए, खुद पर भरोसा ढेर सारा।
चमकते हैं तारे, अंधेरी रातों में,
वैसे ही मिलती रोशनी, ज़िंदगी की राहो में।
मुश्किलों से कभी घबराना नहीं,
चलते रहना हार जाना नहीं।
स्वरचित कविता
डॉ. ऋषिका वर्मा
गढ़वाल उत्तराखंड
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