Latehar Mafia: कोयला चोरी का खौफनाक खेल, माफियाओं ने जमीन के नीचे बना दी अवैध खदानें!
लातेहार में कोयला माफिया इतने बेखौफ हो गए हैं कि जमीन खोदकर अवैध माइंस बना ली हैं। कोयले की तस्करी जोरों पर, पुलिस की चुप्पी पर उठ रहे सवाल।

लातेहार: झारखंड में कोयला माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि अब वे खुलेआम जमीन खोदकर अवैध माइंस बना रहे हैं। लातेहार जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र के हरैयाखांड और आसपास के इलाके में कोयले की मौजूदगी ने इस अवैध धंधे को और बढ़ावा दे दिया है। कोयला तस्करों ने अब आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर इस चोरी को और भी सुनियोजित बना दिया है।
कैसे हो रही है कोयले की अवैध खुदाई?
कोयला माफिया अब रात के अंधेरे में चोरी नहीं करते, बल्कि दिनदहाड़े बड़े स्तर पर खुदाई कर रहे हैं। उन्होंने जेसीबी और अन्य मशीनों की मदद से जमीन को खोदकर बड़ी-बड़ी ट्रेंच बना ली हैं, जो एक तरह से अवैध माइंस की शक्ल ले चुकी हैं। इन खदानों से कोयले को ट्रैक्टर और हाइवा के जरिए ईंट भट्टों और अन्य जगहों पर सप्लाई किया जाता है।
कोयला चोरी के इस खेल में कौन-कौन शामिल?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस धंधे में सिर्फ छोटे अपराधी ही नहीं, बल्कि बड़े माफिया और रसूखदार लोग भी शामिल हैं। पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत की भी आशंका जताई जा रही है। ऐसा कहा जाता है कि हर महीने लाखों रुपये की कोयला चोरी यहां से की जाती है और सरकार को करोड़ों का नुकसान होता है।
क्या कोयला चोरी झारखंड में नई बात है?
झारखंड का कोयला घोटालों और अवैध खनन से पुराना नाता रहा है। धनबाद, गिरिडीह और बोकारो जैसे इलाकों में भी कोयला चोरी का बड़ा खेल चलता रहा है। लेकिन लातेहार में जिस तरह से जमीन के नीचे खुदाई कर अवैध माइंस बनाई जा रही हैं, वह चौंकाने वाला है।
पुलिस-प्रशासन क्यों है बेबस?
लोगों का कहना है कि यह सब बिना प्रशासन की जानकारी के संभव नहीं हो सकता। कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से यह धंधा फल-फूल रहा है। हालांकि, पुलिस का दावा है कि अवैध खनन के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है।
सरकार को करोड़ों का नुकसान!
कोयले की इस अवैध तस्करी से सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। यही कारण है कि झारखंड सरकार ने अवैध खनन रोकने के लिए कई नियम बनाए, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है।
क्या होगी कार्रवाई?
अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई करेगा या फिर यह खेल यूं ही जारी रहेगा? अगर सरकार और प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाए, तो यह अवैध खनन झारखंड की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
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