Lakhaidih: Voting Center की स्थापना से ग्रामीणों में खुशी की लहर, मतदान प्रतिशत में भारी इजाफा
झारखंड के सुदूर गांव लखाईडीह में पहली बार मतदान केंद्र बनने से ग्रामीणों में खुशी की लहर। जानें कैसे गांववालों ने पहले से कहीं ज्यादा संख्या में मतदान किया और चुनाव आयोग का जताया आभार।
लखाईडीह। झारखंड के सुदूर और दुर्गम इलाके लखाईडीह में, विधानसभा चुनाव के इस सीजन में पहली बार स्थानीय लोगों को अपने ही गांव में मतदान करने का अवसर मिला। भारत निर्वाचन आयोग और झारखंड राज्य निर्वाचन पदाधिकारियों के प्रयासों से यहां मतदान केंद्र स्थापित होने के बाद गांव में उत्साह का माहौल है।
24 किमी की कठिन दूरी से मुक्ति
पहले लखाईडीह के लोगों को मतदान के लिए भीतरी आमदा के बूथ पर 24 किलोमीटर की कठिन दूरी तय करनी पड़ती थी। दुर्गम पहाड़ियों और जंगलों से होकर, यह सफर गांववालों के लिए आसान नहीं था। इतने दूरस्थ मतदान केंद्र के कारण यहां की मतदान दर केवल 30-32 प्रतिशत तक सीमित रहती थी। लेकिन इस बार, पहली बार अपने ही गांव में मतदान केंद्र मिलने से यहां के मतदाताओं का उत्साह चरम पर था और इस बार मतदान का प्रतिशत बढ़कर 80.15% हो गया।
गांव के प्रथम मतदान केंद्र का इतिहास
लखाईडीह, जो झारखंड और ओडिशा के बॉर्डर पर स्थित है, शैडो एरिया में आता है और यहां की अधिकांश आबादी अनुसूचित जनजाति से संबंधित है। संचार सुविधाओं की कमी होने के कारण गांव में कोई मोबाइल नेटवर्क भी नहीं है। यह दूरदराज का इलाका होने के कारण हमेशा से ही राज्य के मुख्यधारा से थोड़ा अलग-थलग रहा है।
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान, गांववालों ने समाचार पत्रों के माध्यम से अपने गांव में मतदान केंद्र बनाने की मांग उठाई थी। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने इस मांग को गंभीरता से लिया और प्रयासों के बाद, इस विधानसभा चुनाव के लिए लखाईडीह में एक नया मतदान केंद्र स्थापित कर दिया गया।
आभार और खुशी का इज़हार
गांव में मतदान केंद्र स्थापित होने से यहां के लोगों ने भारत निर्वाचन आयोग, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी झारखंड श्री के रवि कुमार और जिला निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनन्य मित्तल का आभार प्रकट किया। ग्राम प्रधान ने फोन पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से भी बातचीत की और गांववालों के उत्साह को साझा किया। ग्राम प्रधान ने इस ऐतिहासिक फैसले के लिए राज्य प्रशासन को धन्यवाद दिया, जिसने लोकतंत्र में उनकी भागीदारी को आसान बनाया।
नए मतदान केंद्र पर उत्साह से मतदान
इस बार के चुनाव में लखाईडीह के मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर मतदान किया। ग्राम प्रधान कान्हु राम टुडू की पुत्री सलमा टुडू गांव के इस नए मतदान केंद्र की पहली मतदाता बनी, जो ग्रामीणों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था। नया बूथ मिलने से पूरे गांव में उत्साह की लहर दौड़ गई और लोग अपने अधिकार का प्रयोग करने में पीछे नहीं रहे।
पहाड़ों और जंगलों से घिरे इस गांव में मतदान के लिए लोगों में नया जोश और उत्साह देखने को मिला। दूरस्थ इलाकों में मतदान केंद्र बनाने की नीति से न केवल मतदान दर में वृद्धि हुई है, बल्कि यह गांव के लोगों के लोकतंत्र में भरोसे को भी मजबूत कर रही है।
चुनावी भागीदारी का बढ़ता महत्व
इस नई पहल से न केवल मतदान का प्रतिशत बढ़ा है बल्कि यह गांववासियों के मन में लोकतंत्र के प्रति भरोसे और जिम्मेदारी का भी प्रतीक बन गया है। पहले जहां इतनी दूरी के कारण लोग मतदान करने में हिचकिचाते थे, वहीं इस बार उन्होंने भारी संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मतदान के महत्व को महसूस करते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने जमकर मतदान किया और जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की।
ग्रामीणों के लिए लोकतंत्र का एक नया अध्याय
लखाईडीह का यह नया मतदान केंद्र ग्रामीणों के लिए लोकतंत्र का एक नया अध्याय साबित हो रहा है। स्थानीय प्रशासन का यह प्रयास न केवल इस चुनाव के लिए बल्कि भविष्य के चुनावों में भी ग्रामीणों की भागीदारी को और मजबूत करेगा। ऐसे प्रयास लोकतंत्र की नींव को और मजबूत बनाते हैं और गांव के निवासियों को मतदान का अधिकार देने की दिशा में एक बड़ी सफलता माने जाते हैं।
झारखंड के सुदूर इलाकों में मतदान केंद्रों की स्थापना का यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी भागीदारी को बढ़ावा देने के साथ-साथ लोकतंत्र को मजबूत करने का एक सशक्त प्रयास है। लखाईडीह के ग्रामीणों की इस बार की भागीदारी और उनका उत्साह दिखाता है कि जब सुविधाएं लोगों के करीब हों, तो लोकतंत्र में उनकी भागीदारी भी सुनिश्चित हो जाती है।
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