Kolkata Educational Tour: संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर के छात्रों का कोलकाता दौरा, विज्ञान से अध्यात्म तक किया अनुभव!
घाटशिला के संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर के छात्रों ने कोलकाता भ्रमण में साइंस सिटी, विक्टोरिया मेमोरियल और सत्संग सदन का दौरा किया। जानें, इस यात्रा में उन्हें क्या अनोखा अनुभव मिला!

घाटशिला के संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर के 48 छात्रों ने शनिवार को एक खास शैक्षणिक यात्रा के तहत कोलकाता का दौरा किया। यह यात्रा केवल शहर के ऐतिहासिक और वैज्ञानिक स्थलों को देखने के लिए नहीं थी, बल्कि इसमें छात्रों को आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों की भी गहरी सीख मिली।
कोलकाता की ऐतिहासिक और वैज्ञानिक विरासत से हुआ साक्षात्कार
इस शैक्षणिक भ्रमण में छात्रों ने कोलकाता के प्रमुख दर्शनीय स्थलों का दौरा किया, जिनमें शामिल थे –
- साइंस सिटी: यहाँ छात्रों ने 3D डिजिटल थिएटर, समुद्री जीवन की झलक और स्पेस गैलरी का अनुभव किया।
- विक्टोरिया मेमोरियल: भारत के औपनिवेशिक इतिहास की झलक दिखाने वाला यह संगमरमर का स्मारक छात्रों के लिए बेहद ज्ञानवर्धक रहा।
- बिड़ला प्लेनेटोरियम: यहाँ उन्होंने खगोलीय घटनाओं और ब्रह्मांड के रहस्यों के बारे में जानकारी हासिल की।
- ईडन गार्डन: क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह जगह किसी सपने से कम नहीं थी, जहाँ उन्होंने इस ऐतिहासिक स्टेडियम को करीब से देखा।
शिक्षा के साथ आध्यात्मिक अनुभव का संगम
इस यात्रा की खास बात यह रही कि छात्रों ने सत्संग सदन में भजन भी प्रस्तुत किया, जहाँ उन्हें विद्यालय सचिव श्री एस के देवड़ा ने आत्म-अनुशासन, जीवन मूल्यों और सकारात्मक जीवनशैली के महत्व को समझाया।
विद्यालय समिति के सदस्य श्री दीपक बजाज भी इस दौरान उपस्थित रहे और उन्होंने छात्रों को बताया कि "शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उसमें नैतिकता और आध्यात्मिकता का भी समावेश होना चाहिए।"
इतिहास से जुड़ा कोलकाता का महत्व
कोलकाता को भारत की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है। यह शहर ब्रिटिश भारत की पहली राजधानी भी रह चुका है। विक्टोरिया मेमोरियल और पुराने स्थापत्य इसे ऐतिहासिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण बनाते हैं।
साइंस सिटी, बिड़ला प्लेनेटोरियम और विक्टोरिया मेमोरियल जैसी जगहें न केवल आधुनिक विज्ञान, बल्कि ऐतिहासिक धरोहरों को भी दर्शाती हैं। छात्रों के लिए यह यात्रा इसलिए भी खास रही क्योंकि उन्होंने आधुनिक तकनीक और प्राचीन इतिहास, दोनों का अनुभव किया।
प्रधानाचार्या और शिक्षकों की प्रतिक्रिया
विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती नीलकमल सिन्हा ने इस यात्रा को छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए बेहद लाभकारी बताया। उन्होंने कहा कि "ऐसी यात्राएँ न केवल ज्ञान बढ़ाती हैं, बल्कि छात्रों को जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने का भी अवसर देती हैं।"
विद्यालय प्रशासिका श्रीमती शोभा गनेरीवाल ने कहा कि इस यात्रा से छात्रों में न केवल शैक्षणिक जानकारी बढ़ी, बल्कि उन्हें अनुशासन और आत्म-विकास की प्रेरणा भी मिली।
छात्रों के साथ रहे एस्कॉर्ट शिक्षक
इस पूरे दौरे में छात्रों के साथ विद्यालय के अनुभवी शिक्षक भी मौजूद रहे, जिनमें श्री टी एन सिंह, स्वराज राणा, पी लीला, जॉली प्रधान और सुदीप घोष शामिल थे।
छात्रों के लिए यादगार अनुभव
इस दौरे ने छात्रों को न केवल शैक्षणिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी समृद्ध किया। यह यात्रा उनकी शिक्षा को नई दिशा देने के साथ-साथ उनके जीवन में नैतिक मूल्यों को भी जोड़ने में मददगार रही।
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