झारखंड चुनाव में बड़ा बदलाव: केदार हाजरा और उमाकांत रजक ने थामा झामुमो का दामन
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के पहले बीजेपी विधायक केदार हाजरा और आजसू के उमाकांत रजक ने टिकट न मिलने पर झामुमो का दामन थाम लिया।
रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है। 13 अक्टूबर, शुक्रवार को बीजेपी से जुमआ विधायक केदार हाजरा और आजसू के नेता उमाकांत रजक ने झामुमो का दामन थाम लिया। यह कदम हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन की मौजूदगी में हुआ।
दोनों नेताओं ने अपने-अपने समर्थकों के साथ झामुमो में शामिल होने की घोषणा की। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस निर्णय का मुख्य कारण यह है कि दोनों नेताओं का टिकट फाइनल नहीं हुआ था। टिकट कटने की नाराजगी के चलते उन्होंने झामुमो की ओर रुख किया।
केदार हाजरा और उमाकांत रजक दोनों ही अपने-अपने क्षेत्रों में काफी लोकप्रिय नेता माने जाते हैं। केदार हाजरा जुमआ विधानसभा से विधायक हैं, जबकि उमाकांत रजक आजसू पार्टी के महत्वपूर्ण नेता हैं। उनका झामुमो में शामिल होना पार्टी के लिए एक बड़ा लाभ साबित हो सकता है।
इस मौके पर हेमंत सोरेन ने कहा, "हम हमेशा आदिवासी और पिछड़े वर्गों के लिए काम करते रहेंगे। हमें खुशी है कि केदार और उमाकांत जैसे अनुभवी नेता हमारे साथ आए हैं। उनका अनुभव और लोकप्रियता हमारे अभियान को मजबूती देगी।"
राजनीतिक माहौल में इस बदलाव के साथ यह भी दिखता है कि झारखंड में अन्य दलों में भी टिकट वितरण को लेकर असंतोष बढ़ रहा है। चुनाव के नजदीक आते ही यह संभावना भी जताई जा रही है कि और भी नेता अपनी पार्टियों को छोड़कर झामुमो या अन्य दलों में शामिल हो सकते हैं।
इस घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि झारखंड में चुनावी पिच पर मुकाबला और भी दिलचस्प होने वाला है।
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