Khunti Tragedy: लौह अयस्क से भरे ट्रक में जिंदा जला चालक, 1 घंटे तक नहीं पहुंची फायर ब्रिगेड, झारखंड में सड़क हादसे से दहशत
झारखंड के खूंटी-सिमडेगा मार्ग पर दिल दहला देने वाला हादसा! लौह अयस्क से लदे ट्रक में आग लगी और चालक जिंदा जला। फायर ब्रिगेड 1 घंटे लेट, पुलिस जांच में जुटी।
खूंटी, 26 नवंबर 2025 – झारखंड (Jharkhand) की सड़कों पर एक बार फिर से मौत (Death) और लापरवाही (Negligence) का खौफनाक (Horrific) मंजर (Scene) देखने को मिला है। खूंटी-सिमडेगा (Khunti-Simdega) मुख्य मार्ग पर हुई एक दिल दहला देनेवाली दुर्घटना (Accident) ने सड़क सुरक्षा (Road Safety) और आपदा प्रबंधन (Disaster Management) की कमियों (Shortcomings) को उजागर (Exposed) कर दिया है। तोरपा थाना क्षेत्र (Torpa Police Station) के चूरगी गांव (Churgi Village) के पास बुधवार को लौह अयस्क (Iron Ore) से लदा एक ट्रक (Truck) दुर्घटनाग्रस्त (Crashed) हो गया और हादसे के साथ ही उसमें भयानक आग (Fierce Fire) लग गई। सबसे दुखद (Saddest) बात यह रही कि ट्रक चालक (Driver) आग की चपेट (Grip of Fire) में आकर जिंदा जल (Burnt Alive) गया।
चालक जिंदा जला, एक घंटे लेट हुई फायर ब्रिगेड
ट्रक ओडिशा (Odisha) से लौह अयस्क लेकर जमशेदपुर (TATA) के टाटा शहर की ओर जा रहा था। जैसे ही ट्रक चूरगी गांव के पास पहुंचा, वह अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गया और पलक झपकते ही (In the Blink of an Eye) आग की लपटों (Flames) से घिर गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत सूचना तोरपा थाना पुलिस को दी।
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लापरवाही का सवाल: पुलिस ने तत्काल (Immediately) मामले की गंभीरता को समझा और अग्निशमन दल (Fire Brigade) को सूचित किया। लेकिन दुर्भाग्यवश (Unfortunately), सूचना के लगभग एक घंटे बाद भी फायर ब्रिगेड की टीम घटनास्थल (Accident Spot) पर नहीं पहुंची। इस एक घंटे की देरी (Delay) ने न सिर्फ ट्रक को पूरी तरह जलकर राख (Ashes) होने दिया, बल्कि चालक को भी बचाया नहीं जा सका।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी (Senior Officials) एसडीपीओ क्रिस्टोफर केरकेट्टा, पुलिस इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह समेत पूरा थाना दल मौके पर पहुंचा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
झारखंड की सड़कों पर माल परिवहन का खतरा
खूंटी-सिमडेगा मुख्य मार्ग झारखंड और ओडिशा के औद्योगिक (Industrial) इलाकों को जोड़ने वाला एक अत्यंत महत्वपूर्ण (Crucial) रास्ता है। इस मार्ग पर लौह अयस्क, कोयला और अन्य भारी माल (Heavy Goods) का परिवहन (Transport) बड़े पैमाने पर होता है। यह इलाका अपनी जटिल भौगोलिक बनावट (Complex Geographical Structure) और अत्यधिक ट्रैफिक के कारण दुर्घटनाओं के लिए कुख्यात (Notorious) रहा है। यह हादसा एक बार फिर से इन सड़कों पर माल परिवहन की सुरक्षा व्यवस्था (Safety Arrangements) पर सवाल उठाता है।
चालक की पहचान अज्ञात, खलासी अस्पताल में
समाचार लिखे जाने तक मृत चालक की शिनाख्त (Identification) नहीं हो सकी थी। पुलिस अब ट्रक के मालिक (Owner) और परिवहन कंपनी (Transport Company) से संपर्क (Contact) करके चालक की पहचान करने में जुटी है।
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घायल खलासी: हादसे में ट्रक का खलासी (Cleaner) भी गंभीर रूप से घायल (Seriously Injured) हो गया। उसे तत्काल रेफरल अस्पताल तोरपा (Referral Hospital Torpa) में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। खलासी ही इस हादसे के सही कारणों और चालक की पहचान के संबंध में महत्वपूर्ण (Crucial) जानकारी दे सकता है।
यह हादसा झारखंड के लोगों में अग्निशमन सेवाओं (Fire Fighting Services) की तत्परता (Preparedness) को लेकर एक गंभीर बहस (Serious Debate) को जन्म देता है।
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