Khunti Murder: पुलिस हिरासत में युवक की मौत, हत्या या आत्महत्या?
झारखंड के खूंटी जिले में पुलिस हाजत में दुष्कर्म के आरोपी युवक राहुल मांझी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप। एसपी समेत वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे। जानें इस रहस्यमयी मौत का पूरा सच।

झारखंड का खूंटी जिला, जो अपनी शांत वादियों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, आज एक ऐसी घटना का गवाह बना है जिसने पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां मुरहू थाना के हाजत में बंद एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने न सिर्फ पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है, बल्कि लोगों के मन में भी कई सवाल पैदा कर दिए हैं। क्या यह एक आत्महत्या है या फिर इसके पीछे कोई और कहानी है?
झारखंड के इतिहास में पुलिस हिरासत में हुई मौतें हमेशा से एक संवेदनशील मुद्दा रही हैं। कई बार ऐसे मामलों में पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं। इस तरह की घटनाएं न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं, बल्कि न्याय प्रणाली पर लोगों के भरोसे को भी कमजोर करती हैं। यह घटना एक बार फिर इस बात पर जोर देती है कि पुलिस को हिरासत में लिए गए व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और भी अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
गिरफ्तारी और मौत की रात
मृतक युवक की पहचान राहुल मांझी के रूप में हुई है। उस पर गांव की एक लड़की ने दुष्कर्म के प्रयास का आरोप लगाया था। आरोप के बाद से ही पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। सोमवार की देर रात ग्रामीणों ने उसे मेराल क्षेत्र में पकड़ा और बाद में पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने राहुल को हिरासत में लेकर मुरहू थाना के हाजत में बंद कर दिया।
पुलिस के अनुसार, मंगलवार की सुबह राहुल ने हाजत में ही आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि उसने बाथरूम जाने के बहाने किसी तार की मदद से फांसी लगा ली। हालांकि, यह बात अभी तक स्पष्ट नहीं है कि हाजत में तार कहां से आया और पुलिस की मौजूदगी में ऐसा कैसे हुआ।
पुलिस प्रशासन में हड़कंप
घटना की खबर मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में एसपी, डीएसपी समेत जिले के कई वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की छानबीन शुरू कर दी। अधिकारियों ने हाजत का निरीक्षण किया और घटना के संबंध में मुरहू थाना के पुलिसकर्मियों से पूछताछ की।
फिलहाल, पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत के सही कारण का पता चल पाएगा। पुलिस ने इस संबंध में आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन यह सवाल अभी भी कायम है कि क्या एक आरोपी को हिरासत में लेने के बाद उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की नहीं है?
जांच के कई पहलू
पुलिस इस मामले में कई पहलुओं से जांच कर रही है। सबसे पहले, यह पता लगाया जा रहा है कि राहुल को आत्महत्या के लिए उकसाया गया था या उसने यह कदम खुद उठाया। दूसरा, हाजत में तार कहां से आया, इसकी भी जांच की जा रही है। तीसरा, क्या पुलिसकर्मियों ने ड्यूटी में लापरवाही बरती?
इस तरह की घटनाओं में अक्सर पुलिस पर थर्ड-डिग्री टॉर्चर या मानसिक दबाव डालने के आरोप भी लगते हैं। हालांकि, अभी तक इस मामले में ऐसा कोई आरोप सामने नहीं आया है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट और विस्तृत जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी। यह घटना एक बार फिर पुलिस और प्रशासन के लिए एक चुनौती है कि वे अपनी हिरासत में लिए गए व्यक्ति की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करते हैं।
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