जेएमएम को बड़ा झटका: लोबिन हेंब्रम ने थामा भाजपा का दामन
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) को एक और बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता लोबिन हेंब्रम ने भाजपा में शामिल होकर राजनीतिक हलचल मचा दी है। जानें पूरी खबर।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) को एक और बड़ा झटका लगा है। पार्टी के पुराने और कद्दावर नेता लोबिन हेंब्रम ने आज भाजपा का दामन थाम लिया। रांची स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में दोपहर 12 बजे लोबिन हेंब्रम ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, कोल्हान टाइगर और भाजपा नेता चंपाई सोरेन, भाजपा नेत्री सीता सोरेन, प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, और नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी भी मौजूद थे।
लोबिन हेंब्रम की भाजपा में शामिल होने की खबर ने झारखंड की राजनीति में हलचल मचा दी है। हेंब्रम पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा के महत्वपूर्ण नेता थे, लेकिन पार्टी से उनकी बगावत के बाद उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था। मई 2024 में, जब उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए निर्दलीय नामांकन दाखिल किया, तब जेएमएम ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की।
स्पीकर न्यायाधिकरण ने दल-बदल मामले में सुनवाई के बाद उनकी सदस्यता को समाप्त कर दिया था, जिससे उनके राजनीतिक करियर पर एक बड़ा सवालिया निशान लग गया था। लोबिन हेंब्रम का जेएमएम छोड़कर भाजपा में शामिल होना जेएमएम के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर तब जब हाल ही में चंपाई सोरेन ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी।
इस मौके पर भाजपा नेताओं ने लोबिन हेंब्रम का गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके अनुभव और राजनीतिक कौशल की सराहना की। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, "लोबिन हेंब्रम जैसे अनुभवी नेता का भाजपा में शामिल होना हमारे लिए गर्व की बात है। इससे पार्टी को मजबूती मिलेगी और झारखंड में हमारी स्थिति और मजबूत होगी।"
झारखंड की राजनीति में इस तरह के बदलावों ने राज्य में आगामी चुनावों को लेकर उत्सुकता बढ़ा दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोबिन हेंब्रम का भाजपा में शामिल होना पार्टी की रणनीति को और धार देगा और आगामी चुनावों में विपक्ष के सामने नई चुनौतियां खड़ी करेगा।
लोबिन हेंब्रम ने भाजपा में शामिल होने के बाद कहा, "मैंने हमेशा झारखंड के लोगों की सेवा करने का प्रयास किया है। भाजपा में शामिल होकर मैं अपने प्रयासों को और मजबूत करूंगा और राज्य के विकास के लिए काम करूंगा।"
झारखंड की राजनीति में आए इस बड़े बदलाव ने न सिर्फ जेएमएम बल्कि अन्य विपक्षी दलों को भी चिंतित कर दिया है। आगामी चुनावों में इसका क्या असर होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
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