झूम के आया सावन ( कविता ) - सविता सिंह मीरा जी, जमशेदपुर

सविता सिंह "मीरा" जी का जन्म 23 सितम्बर को जमशेदपुर में हुआ। उन्होंने शिक्षा जमशेदपुर और रांची से प्राप्त की और 2018 में लेखन शुरू किया। वे लेखन, संगीत और समाजसेवा में सक्रिय हैं। उनके साझा संकलनों में "साहित्यनामा" और "तरंगिनी" शामिल हैं, और उनके एकल संग्रह "अभिव्यक्ति मेरी कलम से" और "गुल्लक" हैं। उनकी रचनाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं और आकाशवाणी से प्रसारित हुई हैं। वे हिंदी और भोजपुरी में कविता, दोहा, कहानी आदि लिखती हैं और कई साहित्यिक संस्थाओं से जुड़ी हैं।

Jul 10, 2024 - 22:29
Jul 11, 2024 - 14:58
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झूम के आया सावन ( कविता ) - सविता सिंह मीरा जी, जमशेदपुर
झूम के आया सावन ( कविता ) - सविता सिंह मीरा जमशेदपुर

झूम के आया सावन



आ गया अब सावन झूम के 
प्रियतम  को भी  तो चूम  के 
भीगा   देना   तू  सुन मुझको 
लागे  वह  गये  हैं झूम  के।

होगा   उनको भी एहसास, 
की  बूंदे है थोड़ी सी खास| 
कह देना बरस  पड़ी उनपे, 
 लगाए बैठे होंगे आस।

सुन सावन  पा लिया संदेश 
आया   है तू बदल कर भेष| 
आँखों   में   फिर से  तैर गई, 
भीगा आँचल झिड़कते केश।

सविता सिंह मीरा जी
जमशेदपुर

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Chandna Keshri चंदना केशरी, जो गणित-विज्ञान में इंटरमीडिएट हैं, स्थानीय खबरों और सामाजिक गतिविधियों में निपुण हैं।