Jharkhand Sarkari Naukri 2025: 26,000 से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति, जानें कब होगी पूरी प्रक्रिया!
झारखंड में 2025 तक 26,000 सहायक आचार्य की नियुक्ति होगी। शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने दी जानकारी, नियुक्ति प्रक्रिया जल्द पूरी होगी, पढ़ें पूरी खबर।
झारखंड में 2025 तक शिक्षा क्षेत्र में बड़ी बदलाव की उम्मीद है! राज्य में 26,000 से ज्यादा सहायक आचार्य (टीचर) के पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी, जिसके लिए शिक्षा विभाग ने पूरी तैयारी शुरू कर दी है। शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने हाल ही में एक बयान में कहा कि यह नियुक्ति प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी, और नया शैक्षणिक सत्र अप्रैल से शुरू होने से पहले यह प्रक्रिया समाप्त कर ली जाएगी।
कितने पदों पर होगी नियुक्ति?
झारखंड में इस बार 26,001 सहायक आचार्य (Assistant Acharya) के पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। इन पदों में से 13,000 पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित होंगे। गौरतलब है कि यह नियुक्तियां 2015 के बाद पहली बार हो रही हैं, जब राज्य में शिक्षकों के पदों पर कोई नियुक्ति नहीं की गई थी। यानी लगभग 9 साल बाद, झारखंड के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षक भर्ती की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश के बाद नया मोड़
सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट के विभिन्न आदेशों के बाद, यह नियुक्ति प्रक्रिया गति पकड़ रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) में सफल अभ्यर्थियों को इस भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है। वहीं, झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद, पारा शिक्षकों के लिए क्वालिफाइंग मार्क्स में छूट अब नहीं मिलेगी, जो पहले की व्यवस्था थी।
यह निर्णय सरकारी कर्मचारियों की भर्ती में पारदर्शिता और योग्यता को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। इस बदलाव के बाद अब केवल योग्य उम्मीदवार ही भर्ती प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे।
क्या है इस प्रक्रिया का महत्व?
राज्य में सहायक आचार्य (सहायक शिक्षक) के कुल 50,000 पद सृजित किए गए हैं, जिनमें से प्रथम चरण में 26,000 पदों पर नियुक्ति की जाएगी। दूसरे चरण में शेष 24,000 पदों पर नियुक्ति की जाएगी, लेकिन इसके लिए झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (Jharkhand TET) आयोजित की जाएगी।
यह नियुक्ति प्रक्रिया न केवल राज्य के शिक्षा क्षेत्र को सुदृढ़ करेगी, बल्कि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाएगी। राज्य में शिक्षक-छात्र अनुपात सबसे खराब है, जहां 35 छात्रों पर एक शिक्षक हैं। यह नियुक्ति इस अनुपात को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नौकरी की उम्मीदें और नियुक्ति प्रक्रिया
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने आश्वासन दिया कि नियुक्ति प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अप्रैल में शुरू होने वाले नए शैक्षणिक सत्र से पहले नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
अधिकारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि हम सभी यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी योग्य उम्मीदवार नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर न जाए। सरकार की पूरी कोशिश है कि किसी भी प्रकार की देरी न हो और जल्द से जल्द राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके।
आखिरकार क्यों है यह नियुक्ति इतनी महत्वपूर्ण?
9 साल बाद, जब झारखंड में शिक्षक भर्ती हो रही है, यह नियुक्ति न केवल एक बड़ा अवसर है, बल्कि यह राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखने का भी संकेत है। यह नियुक्ति युवाओं को न केवल नौकरी का अवसर देगी, बल्कि राज्य के शिक्षा संस्थानों में सुधार भी लाएगी।
राज्य में शैक्षिक सुधार की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है, और राज्य सरकार के लिए यह एक चुनौती भी है, क्योंकि एक अच्छे शिक्षक का होना विद्यार्थियों के भविष्य के लिए बेहद आवश्यक है।
क्या है आगे का रास्ता?
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसलों के बाद, अब शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी हो और केवल योग्य उम्मीदवारों को ही अवसर मिले। साथ ही, पारा शिक्षकों को मिलने वाली अतिरिक्त सुविधाओं पर भी पुनः विचार किया जाएगा।
झारखंड में 2025 तक सहायक आचार्य (सहायक शिक्षक) की नियुक्ति राज्य के शिक्षा क्षेत्र के लिए एक नया परिवर्तन लेकर आएगी। शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का कहना है कि यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो जाएगी, ताकि अगले शैक्षणिक सत्र में राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी हो सके। इस नियुक्ति से युवाओं को सरकारी नौकरी का अवसर मिलेगा, और राज्य के शिक्षा क्षेत्र में सुधार संभव होगा।
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