Jharkhand Action: 500 अफसरों-कर्मचारियों का वेतन रोका, मचा हड़कंप!

झारखंड में 500 से अधिक सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन पर रोक! डीसी शशिरंजन की कड़ी कार्रवाई से हड़कंप मचा, जानिए पूरा मामला।

Feb 19, 2025 - 09:22
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Jharkhand Action: 500 अफसरों-कर्मचारियों का वेतन रोका, मचा हड़कंप!
Jharkhand Action: 500 अफसरों-कर्मचारियों का वेतन रोका, मचा हड़कंप!

रांची। झारखंड में सरकारी दफ्तरों की लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई हुई है। पलामू जिले में डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर (डीसी) शशिरंजन ने 500 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगा दी है। इसमें 100 से अधिक डॉक्टर, 12 से ज्यादा ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDO) और सर्कल ऑफिसर (CO) शामिल हैं। वजह?—सरकारी आदेशों की अनदेखी और समय पर कार्यालय में हाजिर न होना!

क्या है पूरा मामला?

पलामू डीसी शशिरंजन ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि सभी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी दफ्तर में सुबह 10:40 बजे तक उपस्थित हों और शाम 5 बजे तक कार्य करें। बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य की गई थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अधिकारी-कर्मचारी समय पर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। लेकिन जब हकीकत सामने आई, तो बड़ा खुलासा हुआ—सैकड़ों कर्मचारी और अधिकारी निर्धारित समय पर दफ्तर नहीं पहुंच रहे थे। इसके बाद डीसी ने कड़ी कार्रवाई करते हुए वेतन रोकने का फरमान जारी कर दिया।

किस-किस पर गिरी गाज?

  1. स्वास्थ्य विभाग: 100 से ज्यादा डॉक्टरों का वेतन रोका गया, जिनमें 50 PHC और CHC में तैनात डॉक्टर, 20 मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और 16 जिला अस्पताल के डॉक्टर शामिल हैं। इसके अलावा, 23 सीनियर रेजिडेंट और 40 जूनियर रेजिडेंट के वेतन पर भी रोक लगाई गई।
  2. पशुपालन विभाग: इस विभाग के कई अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन भी रोक दिया गया।
  3. इंजीनियरिंग विभाग: कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता और जूनियर इंजीनियर सहित इस विभाग के कर्मचारियों के वेतन पर भी तलवार लटक गई।
  4. अन्य सरकारी कर्मचारी: एएनएम, जीएनएम, लैब असिस्टेंट, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट और ड्रेसर जैसे स्वास्थ्यकर्मी भी इस कार्रवाई की चपेट में आए।

बायोमेट्रिक अटेंडेंस का ‘खेल’!

सरकारी आदेशों के मुताबिक, बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज किए बिना किसी भी कर्मचारी को वेतन नहीं मिलेगा। लेकिन जांच में सामने आया कि कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने या तो उपस्थिति दर्ज ही नहीं की, या फिर देर से की। ऐसे में जब डीसी कार्यालय ने बायोमेट्रिक डेटा की जांच की, तो बड़ा खेल उजागर हो गया।

इतिहास में ऐसा पहली बार नहीं हुआ!

सरकारी अफसरों और कर्मचारियों पर लापरवाही के कारण कार्रवाई कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी कई राज्यों में इसी तरह की सख्ती देखी गई है। बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी समय-समय पर ऐसे कदम उठाए गए हैं। 2019 में बिहार में भी बायोमेट्रिक अनियमितताओं के चलते 300 से ज्यादा सरकारी कर्मियों का वेतन रोका गया था। झारखंड में भी यह कोई पहली घटना नहीं है, लेकिन इस बार का आंकड़ा काफी बड़ा है, जिससे पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है।

अब क्या होगा?

जिन कर्मचारियों का वेतन रोका गया है, वे अब डीसी के आदेश के बाद ही इसे बहाल करवा सकते हैं। अगर वे सही समय पर कार्यालय पहुंचते हैं और बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करते हैं, तो वेतन फिर से चालू हो सकता है।

कर्मचारियों की प्रतिक्रिया?

इस फैसले से कई सरकारी कर्मियों में नाराजगी है। कुछ अधिकारियों का कहना है कि वे समय पर कार्यालय पहुंचते हैं, लेकिन तकनीकी कारणों से उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाती। वहीं, कुछ कर्मचारियों ने इस आदेश को अनुचित करार दिया है। हालांकि, डीसी शशिरंजन का कहना है कि यह सख्ती सरकारी व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए बेहद जरूरी थी।

झारखंड में सरकारी लापरवाही पर हुई इस बड़ी कार्रवाई ने अन्य जिलों को भी सतर्क कर दिया है। अब देखना होगा कि क्या यह सख्ती सिर्फ पलामू तक सीमित रहती है या फिर पूरे झारखंड में ऐसी ही कड़ी कार्रवाई देखने को मिलेगी।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।