Jharkhand Operation : गुमला के जंगल में हुई भीषण मुठभेड़, तीन नक्सली ढेर – हथियारों का जखीरा बरामद

गुमला जिले के जालिम जंगल में पुलिस और जेजेएमपी नक्सलियों के बीच मुठभेड़, तीन उग्रवादी मारे गए और एक गिरफ्तार। सुरक्षा बलों ने हथियारों का बड़ा जखीरा किया बरामद।

Sep 24, 2025 - 12:54
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Jharkhand Operation : गुमला के जंगल में हुई भीषण मुठभेड़, तीन नक्सली ढेर – हथियारों का जखीरा बरामद
Jharkhand Operation : गुमला के जंगल में हुई भीषण मुठभेड़, तीन नक्सली ढेर – हथियारों का जखीरा बरामद

झारखंड के गुमला जिले का जालिम गांव से सटा घना जंगल बुधवार की सुबह गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। यहां पुलिस और कुख्यात नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (JJMP) के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में पुलिस ने तीन उग्रवादियों को ढेर कर दिया, जबकि एक को जिंदा दबोच लिया गया। बड़ी मात्रा में हथियार बरामद होने से साफ है कि नक्सली किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहे थे।

खुफिया इनपुट से शुरू हुआ अभियान

गुमला एसपी हारिस बिन जमां को खुफिया सूत्रों से सूचना मिली थी कि JJMP नक्सली बिशनपुर थाना क्षेत्र में बड़ी घटना की तैयारी में जुटे हैं। इसी आधार पर झारखंड जगुआर और गुमला जिला बल की संयुक्त टीम बनाई गई। जैसे ही जवान जालिम जंगल में पहुंचे, नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए इलाके को चारों ओर से घेर लिया।

तीन नक्सली मारे गए, एक गिरफ्तार

पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की पहचान लालू लोहरा (लोहरदगा), सुजीत उरांव (लोहरदगा) और छोटू उरांव (लातेहार) के रूप में हुई है। ये तीनों लंबे समय से सक्रिय थे और कई आपराधिक घटनाओं में शामिल रहे। चौथा नक्सली पुलिस के हत्थे चढ़ा, जिससे संगठन की योजनाओं और नेटवर्क को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की संभावना है।

हथियारों का जखीरा बरामद

मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने एक AK-56 राइफल, एक SLR और एक INSAS राइफल बरामद की। यह बरामदगी न केवल नक्सलियों की तैयारी की गंभीरता को दिखाती है बल्कि यह भी संकेत देती है कि उनका इरादा किसी बड़े हमले का था। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि ये हथियार कहां से आए और किस सप्लाई चैन से जुड़े हुए हैं।

ग्रामीणों में दहशत, सुरक्षा बलों का दबदबा

जंगल से गोलियों की आवाज सुनते ही आसपास के गांवों में दहशत फैल गई। ग्रामीणों को घर से बाहर न निकलने की चेतावनी दी गई है। सुरक्षाबलों ने गांव से होकर आने-जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया, ताकि कोई भी उग्रवादी भाग न सके। देर शाम तक सर्च ऑपरेशन जारी रहा और संभावना जताई गई कि इलाके में और भी नक्सली छिपे हो सकते हैं।

नक्सल इतिहास और जेजेएमपी की भूमिका

झारखंड के दक्षिण-पश्चिम इलाकों में नक्सलवाद की गहरी जड़ें रही हैं। कभी यह क्षेत्र भाकपा (माओवादी) के कब्जे में था, लेकिन पिछले एक दशक में लगातार सुरक्षा बलों की कार्रवाई के बाद माओवादियों का दबदबा कमजोर पड़ने लगा। इसी खाली जगह को भरने के लिए जेजेएमपी जैसे छोटे उग्रवादी संगठन सक्रिय हो गए।
जेजेएमपी न केवल पुलिस बलों पर हमले करता रहा है, बल्कि ठेकेदारों और स्थानीय व्यवसायियों से लेवी वसूली के लिए भी कुख्यात है। यही वजह है कि सरकार इसे खत्म करने के लिए लगातार रणनीतिक अभियान चला रही है।

सरकार की रणनीति और आगे की राह

केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर झारखंड को नक्सलमुक्त बनाने का संकल्प लिया है। हाल के वर्षों में कई बड़े उग्रवादी मारे गए या गिरफ्तार हुए हैं। इस मुठभेड़ को भी उसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि JJMP जैसे संगठन तभी कमजोर होंगे जब स्थानीय स्तर पर विकास और रोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि ग्रामीण युवाओं को हथियारों की राह न चुननी पड़े।

गुमला का यह ऑपरेशन बताता है कि झारखंड पुलिस और सुरक्षा बल नक्सलियों के खिलाफ लगातार आक्रामक रणनीति अपना रहे हैं। तीन उग्रवादियों का मारा जाना और हथियारों का जखीरा बरामद होना निश्चित तौर पर संगठन को बड़ा झटका है। अब देखना होगा कि आगे आने वाले दिनों में क्या JJMP की कमर टूटेगी या यह संगठन नए सिरे से खुद को खड़ा करने की कोशिश करेगा।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।