Jharkhand News: राज्य में 500 नए स्कूल खोलने का झारखंड सरकार का बड़ा फैसला, क्या बदलेगी शिक्षा व्यवस्था?
झारखंड सरकार ने पांच साल में 500 सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोलने का ऐलान किया है। शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि यह कदम राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बदलने में सहायक होगा।
झारखंड सरकार ने प्रदेश में 500 नए स्कूल खोलने का ऐलान किया है, जिससे राज्य की शिक्षा व्यवस्था में एक नया मोड़ आ सकता है।
स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने शुक्रवार को इस अहम फैसले की घोषणा की, जिसके अनुसार अगले पांच साल में 500 नए सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले जाएंगे। वर्तमान में झारखंड में 80 सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस हैं, और सरकार ने इनकी संख्या अगले दो सालों में 160 करने का लक्ष्य तय किया है। इस फैसले को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है, लेकिन क्या यह योजना राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बदलने में कारगर साबित होगी?
झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने पहले ही गरीब छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा देने का वादा किया था।
इस वादे को पूरा करने के लिए सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत की गई थी। यह स्कूल सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध होंगे, ताकि गांव-गांव के बच्चों को भी अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा मिल सके।
इस समय तक शिक्षा में दोहरी प्रणाली चल रही है, जिसमें एक वर्ग के बच्चे अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में अच्छे से पढ़ाई कर रहे हैं, वहीं गरीब बच्चों को हिंदी माध्यम में शिक्षा प्राप्त करनी पड़ रही है। अब सरकार ने गरीब बच्चों के लिए अंग्रेजी माध्यम शिक्षा की शुरुआत की है।
क्या हैं 500 नए सीएम स्कूल खोलने के फायदे?
सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का उद्देश्य है कि गरीब बच्चे भी बेहतर शिक्षा प्राप्त करें और उन्हें उच्चतर रोजगार अवसरों के लिए तैयार किया जा सके।
आने वाले पांच सालों में 500 नए स्कूल खोले जाने के बाद, झारखंड की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बदल सकती है।
रामदास सोरेन ने कहा कि, "ये स्कूल सीबीएसई बोर्ड से जुड़े होंगे, और इस वजह से बच्चों को नौकरी से संबंधित परीक्षाओं में सफलता पाने के लिए सीबीएसई बोर्ड की शिक्षा मिल सकेगी।"
साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम से गरीब बच्चों के लिए शिक्षा के स्तर में बड़ा सुधार आएगा। सीबीएसई स्कूल से पढ़े बच्चे आसानी से किसी भी नौकरी के लिए पात्र होंगे, क्योंकि नौकरी से जुड़ी परीक्षाओं में सीबीएसई बोर्ड के आधार पर सवाल पूछे जाते हैं।
शिक्षक भर्ती का मुद्दा: अड़चनें और समाधान
हालांकि, सरकार की योजना के सामने एक बड़ी चुनौती है, और वह है शिक्षकों की कमी।
मंत्री रामदास सोरेन ने इस मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने बताया कि राज्य में 52 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। हालांकि, इसमें कुछ कानूनी अड़चनें आ रही हैं। इस समय, 26 हजार शिक्षकों की भर्ती का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, और जैसे ही इसका फैसला आता है, राज्य सरकार भर्ती प्रक्रिया शुरू कर देगी।
दूसरे चरण में और 26 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।
सरकार की शिक्षा सुधार योजनाएं
रामदास सोरेन ने कहा कि सरकार ने इस साल 500 नए स्कूलों के निर्माण के अलावा, शिक्षा में सुधार के लिए कई योजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है।
इन स्कूलों में बच्चों को सभी प्रकार के संसाधन उपलब्ध होंगे, ताकि उनका समग्र विकास हो सके। इसके साथ ही, सरकार ने शिक्षक प्रशिक्षण की भी योजना बनाई है, ताकि शिक्षक बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ा सकें।
झारखंड के लिए यह योजना क्यों महत्वपूर्ण है?
झारखंड एक ऐसा राज्य है, जहां शिक्षा का स्तर कई स्थानों पर अभी भी काफी निचला है।
इसी कारण राज्य सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के खुलने से राज्य के छात्रों को बेहतर और उच्च स्तरीय शिक्षा मिल सकेगी, जो न केवल उनके व्यक्तिगत विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सुधारने के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
क्या इस कदम से झारखंड में शिक्षा सुधार संभव है?
अभी तक झारखंड में शिक्षा का स्तर इतना उच्च नहीं था कि राज्य के छात्र किसी भी प्रकार की प्रतियोगिता में भाग ले सकें।
अब, जब राज्य में 500 सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोले जाएंगे, तो यह शिक्षा में बदलाव लाने के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
शिक्षा मंत्री का कहना है कि अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा मिलने से छात्र आसानी से भारत और विदेश में नौकरी पाने के योग्य हो सकेंगे।
क्या झारखंड के बच्चों का भविष्य बदलने वाला है?
500 नए सीएम स्कूल के उद्घाटन से झारखंड में शिक्षा के स्तर में एक बड़े बदलाव की संभावना जताई जा रही है।
यह कदम गरीब छात्रों के लिए खासतौर पर फायदेमंद होगा, क्योंकि उन्हें अब अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा मिल सकेगी, जो उनके भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
क्या यह योजना झारखंड में शिक्षा के स्तर को सही मायने में बदल पाएगी? आपकी राय क्या है?
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