Palamu Prison Break: जेल से चल रहा कॉरपोरेट गैंग! कुख्यात सुजीत सिन्हा पलामू जेल में बंद होकर भी फेसबुक पर एक्टिव, गैंगवार का खतरा बढ़ा
झारखंड का कुख्यात अपराधी सुजीत सिन्हा पलामू सेंट्रल जेल में बंद है, लेकिन जेल से ही कॉरपोरेट स्टाइल में गैंग चला रहा है और सोशल मीडिया पर एक्टिव है। जेल सुपरिंटेंडेंट ने होमटाउन की जेल में विरोधी गैंगों के कारण गैंगवार के गंभीर खतरे को देखते हुए शिफ्ट करने के लिए पत्र लिखा है।
झारखंड की जेलों में अपराधियों के बढ़ते दबदबे और कानून व्यवस्था पर उठते गंभीर सवालों के बीच, पलामू सेंट्रल जेल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। राज्य का कुख्यात अपराधी सुजीत सिन्हा, जो अमन साहू के एनकाउंटर के बाद कोयलांचल में अपना धौंस जमाने की ताक में है, अपने ही जिले की जेल में बंद है। लेकिन सबसे बड़ी और खतरनाक बात यह है कि होमटाउन की जेल सुजीत सिन्हा के लिए 'सुरक्षित ठिकाना' बन गई है, जहाँ से वह न केवल आराम से सुविधाएं ले रहा है, बल्कि जेल के अंदर और बाहर गैंगवार का गंभीर खतरा भी पैदा कर रहा है।
जेल सुपरिंटेंडेंट भागीरथी कारजी ने इस खतरे को पहचानते हुए सुजीत सिन्हा को तत्काल पलामू जेल से दूसरे जेल में शिफ्ट कराने के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा है। उनका स्पष्ट कहना है कि स्थानीय अपराधी और सुजीत के कई विरोधी इसी जेल में बंद हैं, जिससे गैंगवार की आशंका प्रबल है।
जेल से 'कॉरपोरेट स्टाइल' में गैंग ऑपरेशन
सुजीत सिन्हा का आपराधिक नेटवर्क किसी कॉरपोरेट ऑफिस की तरह चलता है, और जेल की दीवारें भी उसे रोक नहीं पा रही हैं।
-
सोशल मीडिया पर दबदबा: देखा जा रहा है कि जेल में बंद रहने के बावजूद सुजीत सिन्हा का सोशल मीडिया अकाउंट लगातार एक्टिव है। उसके फेसबुक आईडी को देखने से साफ पता चलता है कि अपराध का नेटवर्क इसी से ऑपरेट किया जा रहा है।
-
संगीन मामले: पुलिस रिकॉर्ड में सुजीत का नाम हत्या, वसूली, रंगदारी और हथियारों की तस्करी जैसे संगीन मामलों से जुड़ा है। राज्यभर में उस पर दर्जनों केस दर्ज हैं।
-
एनआईए की जांच: सुजीत सिन्हा के खिलाफ नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की भी जांच चल रही है। वह जेल के भीतर से भी अपने गुर्गों को आदेश देता था और कई अपराधों की साजिश भी जेल से रची गई थी।
जेल में छापेमारी के बावजूद पुलिस को कभी कोई आपत्तिजनक सामान हाथ नहीं लगता, जो जेल के अंदर की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल है।
गैंगवार का दोहरा खतरा: विरोधी और साथी एक ही जगह
पलामू सेंट्रल जेल में सुजीत सिन्हा का रहना इसलिए भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि उसके विरोधी और गैंग के कई सदस्य भी इसी जेल में बंद हैं।
-
गैंग के सदस्य: सुजीत सिन्हा के गिरोह के कई सदस्य पहले से ही इसी जेल में कैद हैं। पिछले एक वर्ष में पलामू पुलिस ने इस गिरोह से जुड़े एक दर्जन से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ से आए शूटर भी शामिल थे।
-
खूंखार विरोधी: सुजीत के अलावा, पीएलएफआई का सुप्रीमो दिनेश गोप भी इसी जेल में है। जेल सुपरिंटेंडेंट ने स्पष्ट कहा है कि होमटाउन के जेल में विरोधी अपराधियों के होने के कारण गैंगवार की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
जेल सुपरिंटेंडेंट ने बताया कि सुजीत सिन्हा के पलामू जेल में आते ही उन्होंने उसे दूसरी जेल में शिफ्ट करने के लिए पत्र लिख दिया था और प्रबल संभावना है कि जल्द ही उसे शिफ्ट कर दिया जाएगा। सवाल यह है कि देश के सुरक्षित जेलों में भी इस तरह के अपराधी खुलेआम अपने नेटवर्क को कैसे चला रहे हैं?
आपकी राय में, जेल के अंदर से सोशल मीडिया ऑपरेट करने वाले अपराधियों को रोकने के लिए प्रशासन को कौन से दो हाई-टेक उपाय तत्काल लागू करने चाहिए?
What's Your Reaction?


