Patamda Tragedy: नाबालिग की संदिग्ध मौत! पटमदा के दुर्गा पूजा मैदान से 15 साल के लड़के का शव बरामद, नशे के लिए डेंड्राइट का किया था इस्तेमाल
जमशेदपुर के पटमदा के दुर्गा पूजा मैदान से 15 वर्षीय गुरुचरण बेसरा का शव बरामद हुआ है। नाबालिग नशे का आदी था और दोस्तों के अनुसार उसने भूखे पेट डेंड्राइट का इस्तेमाल किया था। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।
जमशेदपुर के पटमदा थाना क्षेत्र के बेलटांड़ स्थित दुर्गा पूजा मैदान में आज सुबह एक ऐसी हृदय विदारक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। पटमदा पुलिस ने सुबह करीब 8 बजे एक नाबालिग लड़के का शव बरामद किया है। जिस स्थान पर कुछ ही दिनों में उत्सव और उल्लास का माहौल होना था, वहाँ एक किशोर की संदिग्ध मौत ने कई गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।
मृतक की पहचान पटमदा के बामनी टोला घोषडीह निवासी गुरुचरण बेसरा (15 वर्ष) के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर माचा स्थित सीएचसी अस्पताल पहुँचाया, जहाँ चिकित्सकों ने उसकी मौत की पुष्टि की। हालांकि, मौत के सटीक कारणों का खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा।
डेंड्राइट का नशा और भूखा पेट
पुलिस की प्रारंभिक जांच और गुरुचरण के साथियों से मिली जानकारी चौंकाने वाली है। गुरुचरण एक लावारिस हालत में अक्सर बेलटांड़ बाजार में घूमता था और नशे का आदी था। यह नशा कोई महंगा या विदेशी ड्रग्स नहीं था, बल्कि गरीब बच्चों के बीच आसानी से उपलब्ध डेंड्राइट गोंद का था, जो अक्सर बच्चों को अनैतिक ढंग से नशे के लिए बेचा जाता है।
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अंतिम रात: गुरुचरण के साथियों के अनुसार, बुधवार की शाम को उसने बेलटांड़ स्थित एक दुकान से 3 डेंड्राइट खरीदकर उसका उपयोग नशे के लिए किया था।
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मौत का कारण: गुरुचरण डेंड्राइट के नशे में रात को भूखे पेट ही दुर्गा मंदिर के समीप बने टेंट के अंदर सो गया, जहाँ अगली सुबह उसका शव मिला। टेंट के बाहर उसकी साइकिल खड़ी थी।
पुलिस कार्रवाई और सामाजिक जिम्मेदारी
गुरुचरण का शव सुबह करीब 7 बजे टेंट हाउस (दुर्गा पूजा के लिए बने) के एक कर्मचारी को मिला, जिसने बगल में मौजूद टेंपो चालकों को सूचना दी। इसके बाद पहुँची पुलिस के सामने ही उसकी पहचान की गई।
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जांच का विषय: पुलिस अब केवल मृत्यु के कारण की जांच नहीं कर रही है, बल्कि यह भी पता लगा रही है कि बेलटांड़ बाजार में कौन डेंड्राइट जैसे नशीले पदार्थ नाबालिगों को आसानी से बेच रहा है।
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सामाजिक संकट: यह घटना पटमदा और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते बाल नशाखोरी और लावारिस बच्चों की समस्या पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाती है। गुरुचरण जैसे किशोर जो लावारिस हालत में घूमते हैं और नशे के आदी हो जाते हैं, वे हमारे समाज की एक बड़ी विफलता हैं।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और पुलिस की जांच से ही इस युवा जीवन के अकाल समापन का पूरा सच सामने आएगा।
आपकी राय में, बेलटांड़ बाजार में बच्चों को डेंड्राइट जैसे नशीले पदार्थ बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ पुलिस को कौन सी दो कड़ी और निवारक कार्रवाई करनी चाहिए?
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