Jamshedpur Suicide : रेलवे प्लेटफॉर्म पर महिला ने ट्रेन के सामने कूदकर दी जान, दो छोटे बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल
जमशेदपुर के टाटानगर रेलवे स्टेशन पर 37 वर्षीय महिला ने आज़ाद हिंद एक्सप्रेस के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना से पूरे इलाके में मातम, दो छोटे बच्चों समेत परिवार बेसहारा। जानिए पूरी कहानी।
जमशेदपुर से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। रविवार देर रात टाटानगर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या 3 पर अचानक अफरा-तफरी मच गई, जब बर्मामाइंस थाना क्षेत्र की रहने वाली 37 वर्षीय सौदामिनी राय ने आज़ाद हिंद एक्सप्रेस के सामने कूदकर अपनी जान दे दी। हादसा इतना अचानक था कि मौके पर मौजूद लोग कुछ समझ ही नहीं पाए। ट्रेन की रफ्तार इतनी तेज़ थी कि महिला की मौके पर ही मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि महिला ने बिना किसी झिझक और अचानक ही यह कदम उठाया। घटना के तुरंत बाद रेलवे सुरक्षा बल (RPF) मौके पर पहुँची और शव को रेलवे अस्पताल भेजा गया। डॉक्टरों ने जाँच के बाद महिला को मृत घोषित कर दिया।
कौन थीं सौदामिनी राय?
सौदामिनी राय, बर्मामाइंस सी9/एल कैरेज कॉलोनी की निवासी थीं। उनके पति, अनिल राय टाटानगर रेलवे में कर्मचारी के पद पर कार्यरत हैं। सबसे दर्दनाक बात यह है कि मृतका के दो छोटे बच्चे हैं। अचानक लिए गए इस फैसले ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया है। पड़ोसी और रिश्तेदार घर पहुँचकर परिवार को सांत्वना देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बच्चों की रोने की आवाज़ सुनकर हर किसी की आँखें नम हो रही हैं।
घटना के पीछे क्या वजह?
पुलिस सूत्रों ने बताया कि फिलहाल आत्महत्या के पीछे का कारण साफ़ नहीं हो पाया है। परिजनों से पूछताछ की जा रही है। शुरुआती जाँच में पारिवारिक या मानसिक तनाव की आशंका जताई जा रही है। रेलवे प्रशासन ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
जमशेदपुर में आत्महत्या के मामले – एक चिंताजनक तस्वीर
जमशेदपुर और आसपास के इलाकों में आत्महत्या की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में टाटानगर रेलवे स्टेशन पर भी इस तरह की घटनाएँ कई बार सामने आ चुकी हैं। रेलवे के रिकॉर्ड के मुताबिक, रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या की घटनाएँ रोकना मुश्किल होता है, क्योंकि स्टेशन जैसे भीड़-भाड़ वाले स्थान पर लोग अचानक इस तरह का कदम उठा लेते हैं।
इतिहास पर नज़र डालें तो टाटानगर स्टेशन पर साल 2018 और 2021 में भी ऐसी ही घटनाएँ हुई थीं, जब यात्रियों ने चलती ट्रेन के सामने कूदकर जान दे दी थी। हर बार रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा और जागरूकता पर ज़ोर दिया, लेकिन आत्महत्या जैसे कदम की भविष्यवाणी कर पाना लगभग असंभव है।
समाज में मानसिक तनाव और ज़िम्मेदारी
इस घटना ने एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि समाज में अब भी लोग मानसिक परेशानी को छिपाने की कोशिश करते हैं और खुलकर मदद नहीं माँगते। कई बार यह चुप्पी जानलेवा साबित हो जाती है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से माँग की है कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए और मानसिक तनाव से जूझ रहे लोगों के लिए परामर्श केंद्र खोले जाएँ।
परिवार और शहर में मातम
सौदामिनी राय की मौत से बर्मामाइंस क्षेत्र सहित पूरे शहर में शोक का माहौल है। इलाके के लोग बताते हैं कि सौदामिनी सामान्य जीवन जी रही थीं और किसी ने सोचा भी नहीं था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेंगी। अब उनके छोटे बच्चों का भविष्य चिंता का विषय बन गया है।
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