Jamshedpur Shocking Allegation: ममेरे ससुर ने महिला के साथ किया शारीरिक शोषण, पुलिस कार्रवाई पर सवाल!
Jamshedpur में एक महिला ने ममेरे ससुर पर शारीरिक शोषण और हत्या की धमकी देने का गंभीर आरोप लगाया है। जानिए पूरी कहानी और पुलिस कार्रवाई में कहां हुई चूक!
Jamshedpur के परसुडीह थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक महिला ने अपने ममेरे ससुर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का कहना है कि उसके ममेरे ससुर ने उसे जान से मारने की धमकी दी और जबरन शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की। आरोपों के मुताबिक, यह सिलसिला पिछले एक साल से चल रहा था। जब थाना स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई, तो पीड़िता ने न्याय की उम्मीद में एसएसपी कार्यालय का रुख किया।
पुलिस पर आरोप और महिला का संघर्ष:
महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि उसके ममेरे ससुर दिलीप कुमार ने उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी और इस दौरान उसने उसके साथ शारीरिक शोषण किया। पीड़िता का आरोप है कि पिछले एक साल से दिलीप कुमार ने उसका शारीरिक शोषण किया और उसे डराकर यह कुकृत्य करता रहा।
17 दिसंबर को जब महिला ने परसुडीह थाना में शिकायत की, तो वहां पुलिस ने उसे टाल-मटोल किया। पुलिस ने दो दिनों तक उसे नजरअंदाज किया और इसके बाद 19 दिसंबर को थाना प्रभारी ने उसे आश्वासन दिया कि मेडिकल चेकअप कराया जाएगा। इस दौरान महिला कांस्टेबल ने उसे यह कहकर केस न करने की सलाह दी कि इससे कोई फायदा नहीं होगा। इसके बाद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई और महिला को आरोपी के परिवार से धमकियां मिलने लगीं।
पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल:
इस मामले में पुलिस की निष्क्रियता और टालमटोल रवैया सवालों के घेरे में है। जब महिला ने थाना में शिकायत की, तो उसे न्याय नहीं मिला और पुलिस ने आरोपी से भी केवल पूछताछ की, लेकिन मामले को दर्ज नहीं किया। इस प्रकार की निष्क्रियता से न केवल महिला के हक की अवहेलना हुई, बल्कि आरोपी के परिवार ने भी उसे धमकाने का सिलसिला जारी रखा।
महिला ने जब एसएसपी कार्यालय पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई, तो उन्होंने न्याय की मांग की। महिला का कहना है कि वह अब भी डर के साए में जी रही है और आरोपी के परिवार से लगातार धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने एसएसपी से अपील की कि उन्हें न्याय मिले और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध:
यह घटना महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों की एक और कड़ी को जोड़ती है, जिसमें शारीरिक शोषण और धमकियां एक आम समस्या बन चुकी हैं। खासकर जब बात परिवार के भीतर हो, तो यह स्थिति और भी चिंताजनक हो जाती है। समाज में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा और जागरूकता की जरूरत है। पुलिस का यह रवैया महिला को न्याय दिलाने के बजाय उसे डराने का काम कर रहा है, जो कि एक गंभीर मामला है।
क्या है आगे का रास्ता?
इस घटना ने समाज और पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। महिला के आरोपों की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए थी। फिलहाल, महिला ने एसएसपी से न्याय की उम्मीद जताई है और अगर पुलिस कार्रवाई नहीं करती है, तो यह मामला एक बड़ा कानूनी विवाद बन सकता है। यह मामले की जाँच और कार्रवाई से साफ हो जाएगा कि पुलिस की ओर से क्या कदम उठाए जाते हैं।
यह मामला महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों और पुलिस की निष्क्रियता को उजागर करता है। पुलिस के सही समय पर कार्रवाई न करने के कारण आरोपी के परिवार ने महिला को धमकियां देनी शुरू कर दी हैं, जिससे उसकी सुरक्षा खतरे में है। यह घटना समाज में जागरूकता फैलाने की जरूरत को स्पष्ट रूप से दर्शाती है, ताकि महिलाएं अपने अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ी हो सकें।
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