Jamshedpur Protest: अमित शाह के बयान पर साकची गोल चक्कर में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने किया पुतला दहन!

Jamshedpur में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने गृह मंत्री अमित शाह के विवादित बयान के विरोध में साकची गोल चक्कर पर पुतला दहन किया। जानें पूरी घटना और आगामी आंदोलन की योजना!

Dec 20, 2024 - 19:02
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Jamshedpur Protest: अमित शाह के बयान पर साकची गोल चक्कर में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने किया पुतला दहन!
Jamshedpur Protest: अमित शाह के बयान पर साकची गोल चक्कर में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने किया पुतला दहन!

Jamshedpur के साकची गोल चक्कर में शुक्रवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने एक बड़े विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। इस दौरान पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने देश के गृह मंत्री अमित शाह के पुतले का दहन किया, और उनके द्वारा हाल ही में दिए गए विवादित बयान के खिलाफ अपना विरोध जताया। यह घटना तब हुई जब गृह मंत्री ने संसद भवन में डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर कुछ बयान दिए थे, जिनकी तीव्र आलोचना की जा रही है।

अमित शाह के बयान पर उठे सवाल:

हाल ही में संसद में अमित शाह ने संविधान रचयिता डॉ. भीमराव अंबेडकर के संबंध में कुछ टिप्पणी की थी, जिसे इंडिया गठबंधन ने अनुचित और गलत करार दिया था। इन बयानों को लेकर देशभर में राजनीति गरमा गई है और खासकर झारखंड मुक्ति मोर्चा जैसे दलों ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिए हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि अमित शाह के बयान से संविधान निर्माता के प्रति अपमानजनक टिप्पणी की गई है, जो देश के इतिहास और सामाजिक न्याय के खिलाफ है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा का विरोध प्रदर्शन:

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस मुद्दे को लेकर साकची गोल चक्कर पर विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने अमित शाह के पुतले का दहन कर अपना रोष व्यक्त किया। इस दौरान पूर्व सांसद सुमन महतो भी मौजूद थीं। सुमन महतो ने कहा कि उनका यह विरोध सिर्फ एक बयान के खिलाफ नहीं, बल्कि संविधान और सामाजिक न्याय के पक्ष में खड़े होने का प्रतीक है। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी भविष्य में और बड़े आंदोलन की योजना बना रही है, अगर सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया।

इंडिया गठबंधन का आंदोलन:

इंडिया गठबंधन से जुड़े तमाम दलों ने इस मामले को लेकर विरोध करना शुरू कर दिया है और उनका कहना है कि डॉ. भीमराव अंबेडकर की महिमा का अपमान नहीं सहा जाएगा। गठबंधन के सदस्य दलों द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है कि गृह मंत्री का बयान न केवल डॉ. अंबेडकर के विचारों का अपमान है, बल्कि यह भारतीय समाज को जातिवाद के मुद्दों से बांटने का प्रयास भी है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा की भविष्यवाणी:

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने इस मामले पर उचित कार्रवाई नहीं की, तो वे और भी बड़े आंदोलन की ओर रुख करेंगे। पार्टी नेताओं ने कहा कि यह केवल एक बयान का मामला नहीं है, बल्कि यह देश के संविधान और समाज के लिए एक चुनौती है। उनका कहना है कि सरकार को तुरंत इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और एक उचित जांच करनी चाहिए।

राजनीतिक पटल पर एक नई दिशा:

यह घटनाक्रम राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि अमित शाह का बयान और उसके बाद का विरोध केवल एक राज्य विशेष तक सीमित नहीं रहेगा। यह राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का कारण बन सकता है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस मुद्दे को अपनी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा बना लिया है और इससे उन्हें आगामी चुनावों में समर्थन जुटाने का मौका मिल सकता है।

साकची गोल चक्कर पर हुए पुतला दहन ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि राजनीति में बयानबाजी के नतीजे कभी-कभी गंभीर हो सकते हैं। जब तक राजनीतिक दलों के बीच इस विवाद का समाधान नहीं होता, तब तक ऐसे प्रदर्शन और आंदोलनों का सिलसिला जारी रहेगा। यह घटना दर्शाती है कि राजनीतिक दलों के बयानों का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है, और इसके परिणामस्वरूप समाज में विभाजन और असहमति हो सकती है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।