Jamshedpur हादसा : रात के अंधेरे में सड़क पर तड़पता युवक, मदद के लिए पुकारता रहा!

Jamshedpur में रात के अंधेरे में सड़क पर तड़पता युवक मदद की गुहार लगाता रहा, लेकिन कोई नहीं रुका! जानें हादसे की पूरी कहानी और सड़क सुरक्षा पर क्या है विशेषज्ञों की राय।

Feb 13, 2025 - 15:25
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Jamshedpur हादसा : रात के अंधेरे में सड़क पर तड़पता युवक, मदद के लिए पुकारता रहा!
Jamshedpur हादसा : रात के अंधेरे में सड़क पर तड़पता युवक, मदद के लिए पुकारता रहा!

जमशेदपुर: देर रात एक सड़क दुर्घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। अंधेरी सड़क पर एक युवक बेबस होकर मदद मांगता रहा, लेकिन गुजरते वाहन रुके ही नहीं। आखिरकार, एक प्रत्यक्षदर्शी की सतर्कता से पुलिस को सूचना दी गई, जिससे हालात काबू में आए।

रात का मंजर: जब कोई नहीं रुका

यह घटना उस वक्त की है जब एक प्रत्यक्षदर्शी देर रात अपने दफ्तर से घर लौट रहा था। जैसे ही वह जमशेदपुर के गोलचक्कर के पास पहुंचा, उसने देखा कि एक ट्रक तेज रफ्तार में गलत दिशा में जा रहा था। पहले तो उसे लगा कि ट्रक में कोई खराबी है, लेकिन थोड़ी ही देर में उसे अहसास हुआ कि मामला कुछ और है।

सड़क किनारे एक युवक घायल अवस्था में पड़ा था और बेबस होकर राहगीरों से मदद की गुहार लगा रहा था। वह लगातार कह रहा था, "भइया, रुकिए... मेरी दीदी को साइड कर दीजिए..." लेकिन कोई वाहन रुकने को तैयार नहीं था।

कैसे हुआ हादसा?

युवक ने बताया कि वह अपनी बहन और पिता के साथ स्टेशन से लौट रहा था। ट्रेन छूट जाने के कारण वे स्कूटी से वापस जा रहे थे, तभी अचानक तेज रफ्तार से आती एक गाड़ी ने टक्कर मार दी। इसके बाद सड़क पर अफरा-तफरी मच गई।

पुलिस की लापरवाही या प्रशासन की देरी?

प्रत्यक्षदर्शी ने तुरंत पुलिस को सूचित करने का फैसला किया। वह नजदीकी थाने पहुंचा, लेकिन वहां से उसे यह कहकर लौटा दिया गया कि यह इलाका उनके क्षेत्र में नहीं आता। अंततः उसने दूसरी पुलिस चौकी से संपर्क किया, जहां से तुरंत मदद पहुंची।

क्यों जरूरी है सड़क सुरक्षा?

यह घटना सड़क सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े करती है। रात में तेज रफ्तार गाड़ियों की आवाजाही, यातायात नियमों की अनदेखी और राहगीरों की लापरवाही – ये सभी कारण मिलकर हादसों को न्योता देते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में हर साल हजारों सड़क हादसे होते हैं, जिनमें मुख्य वजहें तेज रफ्तार, ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और सड़क पर पर्याप्त रोशनी का न होना शामिल हैं। ऐसे में प्रशासन को सख्त नियम बनाने और लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।

इस दर्दनाक घटना ने यह साबित कर दिया कि सड़क पर कोई भी असहाय हो सकता है, लेकिन सबसे जरूरी है कि हम इंसानियत न भूलें। अगर उस रात कुछ वाहन रुककर मदद कर देते, तो शायद स्थिति इतनी गंभीर न होती।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।