Jamshedpur Kalash Yatra: श्री श्री दक्षिणेश्वरी काली मंदिर के स्थापना दिवस पर भव्य आयोजन
श्री श्री दक्षिणेश्वरी काली मंदिर के स्थापना दिवस पर निकाली गई कलश यात्रा और पूजा का भव्य आयोजन। जानें मंदिर समिति की योजनाएं और इस ऐतिहासिक दिन की विशेषता।
जमशेदपुर: श्री श्री दक्षिणेश्वरी काली मंदिर की प्रथम स्थापना दिवस पर शुक्रवार को एक ऐतिहासिक कलश यात्रा का आयोजन किया गया, जिसे लेकर शहरभर में खासा उत्साह देखा गया। मंदिर समिति द्वारा आयोजित इस कलश यात्रा में सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु, महिलाएं और पुरुष, गाजे-बाजे के साथ भागी। यह यात्रा मंदिर से प्रारंभ होकर दोमुहानी तक पहुंची, जहां महिलाएं कलश में जल भरकर पुनः मंदिर लौट आईं। इस विशेष दिन को और भी खास बनाने के लिए मंदिर प्रांगण में भव्य श्रृंगार एवं पूजन का आयोजन किया गया।
मां काली का आशीर्वाद दूसरे दिन, 18 जनवरी को मां काली के भव्य श्रृंगार एवं पूजा के बाद, पुरोहितों द्वारा विधिवत पूजा अर्चना की गई। इस दौरान, दोमुहानी से लाए गए जल से मां काली का स्नान कराया गया और उनका विशेष श्रृंगार किया गया। इसके बाद, श्रद्धालुओं ने मंदिर में विधिवत पूजा की और प्रसाद का वितरण किया गया। मंदिर में आयोजित इस पूजा और कलश यात्रा का माहौल श्रद्धा और उल्लास से भरपूर था।
तथा प्राण प्रतिष्ठा का महत्व 17 जनवरी 2024 को ही इस मंदिर में मां काली की मूर्ति की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। इस अवसर पर मंदिर समिति के अध्यक्ष गलविंदर सिंह ग्वाले ने बताया कि यह एक साल की पहली वर्षगांठ है और इसे बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस खास दिन पर मां काली का भव्य श्रृंगार, पूजा और भंडारा आयोजन किया गया है, ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु इस पुण्य कार्य में सम्मिलित हो सकें।
प्रसाद वितरण और भंडारे का आयोजन इसके साथ ही, 18 जनवरी को भव्य भंडारा और महा प्रसाद का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें मंदिर के सभी श्रद्धालु और भक्त शामिल होंगे। इस आयोजन से मंदिर के आस-पास का माहौल श्रद्धा और भक्ति से लहराता हुआ दिखाई दे रहा है।
समिति के सदस्य और श्रद्धालुओं का समर्थन इस आयोजन में मुख्य रूप से समिति के सदस्य छोटू पाल, उमाशंकर बेरा, हरिशचंद्र प्रसाद, अरुण प्रसाद, रंजीत, सुजीत, अजीत सहित कई अन्य सदस्य मौजूद थे। इन सभी ने इस अवसर पर अपनी कड़ी मेहनत और श्रद्धा को मंदिर समिति के आयोजन में समर्पित किया।
इतिहास और महत्व दक्षिणेश्वरी काली मंदिर की स्थापना 17 जनवरी 2024 को हुई थी, और उस दिन से लेकर आज तक, यह मंदिर भक्ति और श्रद्धा का प्रमुख केंद्र बन चुका है। इस मंदिर का इतिहास और संस्कृति शहरवासियों के दिलों में गहरे बसे हुए हैं। दक्षिणेश्वरी काली मंदिर, जो केवल एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक भी बन चुका है, यहाँ हर वर्ष ऐसे आयोजन होते हैं जो न केवल श्रद्धा को प्रगाढ़ करते हैं बल्कि लोगों को एकजुट करने का काम भी करते हैं।
भविष्य की योजनाएँ मंदिर समिति के अध्यक्ष ने बताया कि भविष्य में इस मंदिर को और भी सुंदर और भव्य बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। इसके अलावा, यहां और भी धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, ताकि यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक आस्था का स्थल बने रहे।
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