Jamshedpur Hungama: औद्योगिक नगर घोषित करने पर विधानसभा में जोरदार बहस!
झारखंड विधानसभा में जमशेदपुर को औद्योगिक नगर घोषित करने पर भारी हंगामा हुआ। विधायक सरयू राय और मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू के बीच 18 मिनट तक तीखी बहस चली। जानिए क्या है पूरा विवाद!

झारखंड विधानसभा में सोमवार को जमशेदपुर को औद्योगिक नगर और नगर समिति घोषित करने को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। सदन में 18 मिनट तक नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू और विधायक सरयू राय के बीच तीखी बहस चली। बहस का मुद्दा था - क्या सरकार ने इस फैसले को सही प्रक्रिया से लिया है, या यह संविधान और नियमों के खिलाफ है?
औद्योगिक नगर समिति पर क्यों भड़के सरयू राय?
सरयू राय ने सरकार के फैसले पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि यह निर्णय संविधान के प्रावधानों और झारखंड नगरपालिका अधिनियम के खिलाफ है। उन्होंने तर्क दिया कि जमशेदपुर को औद्योगिक नगर समिति घोषित करना टाटा लीज समझौते के भी विरोध में है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने नगर निगम बनाने के बजाय एक औद्योगिक नगर समिति बनाई है, जिसमें टाटा स्टील के 14 पदाधिकारी, सरकार के 6 पदाधिकारी, विधायक, सांसद और 5 मनोनीत सदस्य शामिल हैं। इस समिति में आम जनता का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, जो पूरी तरह असंवैधानिक है।
विधानसभा में गरमाया मुद्दा, मंत्री नहीं दे सके ठोस जवाब!
सरयू राय के सवालों के जवाब में नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने सुप्रीम कोर्ट और संविधान के प्रावधानों का हवाला दिया, लेकिन राय ने इसे अप्रासंगिक और भ्रामक करार दिया। इसके बाद भी मंत्री अपनी बात पर अड़े रहे।
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने हस्तक्षेप करते हुए निर्देश दिया कि मंत्री को विधायक सरयू राय से अलग से बातचीत कर मसले का हल निकालना चाहिए। बैठक के बावजूद कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया। राय ने ऐलान कर दिया कि अगर सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती तो वह जनजागरण अभियान चलाएंगे और जनता को इसके विरोध में लामबंद करेंगे।
जमशेदपुर ही क्यों? सरकार से जवाब मांग रहे सरयू राय!
सरयू राय ने तर्क दिया कि झारखंड में बोकारो, सीसीएल-बीसीसीएल के इलाके जैसे कई अन्य औद्योगिक क्षेत्र हैं, जहां औद्योगिक नगर समिति बनाई जा सकती थी। फिर सरकार ने सिर्फ जमशेदपुर को ही क्यों चुना?
राय ने सरकार से पूछा कि अगर औद्योगिक नगर समिति का गठन किया जा रहा है तो इसमें जनता का सीधा प्रतिनिधित्व क्यों नहीं दिया गया? उन्होंने इस समिति को निरस्त कर नई संविधान सम्मत समिति के गठन की मांग की।
सरयू राय का बड़ा ऐलान, करेंगे जनजागरण अभियान!
सरयू राय ने सरकार पर विधानसभा में गलत जानकारी देकर गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया कि जमशेदपुर में औद्योगिक नगर समिति ही बनानी होगी। यह सरकार और टाटा स्टील के बीच का समझौता मात्र है।
अगर सरकार औद्योगिक नगर समिति की अधिसूचना में संशोधन नहीं करती, तो वे जनता को इस फैसले के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करेंगे और सरकार के खिलाफ जन आंदोलन खड़ा करेंगे। उन्होंने कहा कि एसओपी बनाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि इस समिति के प्रावधानों में आमूलचूल परिवर्तन करना जरूरी है।
क्या होगा जमशेदपुर का भविष्य?
अब सवाल यह उठता है कि सरकार क्या करेगी? क्या वह सरयू राय की मांगों पर विचार करेगी या फिर औद्योगिक नगर समिति को बनाए रखेगी? जमशेदपुर के लोगों के लिए यह मुद्दा बेहद अहम हो गया है, क्योंकि यह उनके नागरिक अधिकारों और सुविधाओं से जुड़ा मामला है।
जमशेदपुर को औद्योगिक नगर घोषित करने की प्रक्रिया पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष इसे संविधान और जनहित के खिलाफ बता रहा है, जबकि सरकार अपने फैसले को सही ठहराने की कोशिश कर रही है। अब देखना यह होगा कि सरयू राय का जनजागरण अभियान सरकार पर कितना दबाव बना पाता है और क्या झारखंड सरकार इस निर्णय में कोई बदलाव करेगी या नहीं?
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