Ghatshila Raid: खनन माफिया पस्त, पत्थर चिप्स और बालू लदे वाहन जब्त, जमशेदपुर प्रशासन का बड़ा प्रहार

जमशेदपुर उपायुक्त के सख्त आदेश पर जिला खनन विभाग ने मध्य रात्रि में छापेमारी कर पत्थर और बालू के अवैध सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। घाटशिला से लेकर बिरसानगर तक अवैध परिवहन में लगे वाहनों को जब्त कर चचड़ी संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया गया है। सरकारी खजाने को चूना लगाने वाले माफियाओं के खिलाफ प्रशासन की इस आधी रात वाली सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी हकीकत यहाँ दी गई है।

Dec 19, 2025 - 19:01
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Ghatshila Raid: खनन माफिया पस्त, पत्थर चिप्स और बालू लदे वाहन जब्त, जमशेदपुर प्रशासन का बड़ा प्रहार
Ghatshila Raid: खनन माफिया पस्त, पत्थर चिप्स और बालू लदे वाहन जब्त, जमशेदपुर प्रशासन का बड़ा प्रहार

जमशेदपुर, 19 दिसंबर 2025 – लौहनगरी जमशेदपुर और इसके ग्रामीण इलाकों में अवैध खनन के खिलाफ जिला प्रशासन ने अब तक का सबसे आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। जमशेदपुर उपायुक्त के कड़े दिशा-निर्देशों के बाद जिला खनन कार्यालय (पूर्वी सिंहभूम) की टीम ने 18 दिसंबर की आधी रात से लेकर 19 दिसंबर की सुबह तक ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस 'ऑपरेशन क्लीन' के तहत घाटशिला और बिरसानगर में अवैध रूप से पत्थरों और बालू का परिवहन कर रहे वाहनों को जब्त किया गया है। प्रशासन की इस कार्रवाई से स्वर्णरेखा नदी के तटों पर सक्रिय माफियाओं के बीच हड़कंप मच गया है।

इतिहास: पूर्वी सिंहभूम में खनिजों की लूट और प्रशासनिक संघर्ष

पूर्वी सिंहभूम जिला अपनी खनिज संपदा के लिए पूरे देश में मशहूर है, लेकिन यही संपदा अक्सर माफियाओं के लालच का केंद्र बनी रही है। ऐतिहासिक रूप से स्वर्णरेखा नदी का बालू और घाटशिला के पत्थर निर्माण कार्यों के लिए 'रीढ़' माने जाते हैं। $1990$ के दशक से ही इन संसाधनों के अवैध दोहन का सिलसिला शुरू हुआ, जिसने पर्यावरण और सरकारी राजस्व दोनों को भारी चोट पहुँचाई। समय-समय पर प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं, लेकिन $2025$ की यह कार्रवाई अपनी व्यापकता और तकनीक (चचड़ी विध्वंस) के कारण एक नजीर पेश कर रही है।

आधी रात का ऑपरेशन: घाटशिला में पकड़ा गया 'पत्थर' का खेल

18 दिसंबर की मध्य रात्रि को जब पूरी दुनिया सो रही थी, खनन विभाग की टीम घाटशिला की सड़कों पर गश्त कर रही थी।

  • हाइवा जब्त: बिना किसी वैध चालान के पत्थर चिप्स का अवैध परिवहन कर रहे हाइवा (वाहन संख्या JH 09AT 9118) को रंगे हाथों पकड़ा गया।

  • थाने को सुपुर्द: पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए वाहन को घाटशिला थाना के हवाले कर दिया है और संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

बिरसानगर: स्वर्णरेखा बालू घाट पर सर्जिकल स्ट्राइक

19 दिसंबर की सुबह होते ही प्रशासन की टीम बिरसानगर स्थित स्वर्णरेखा बालू घाट पहुँची। यहाँ अवैध बालू उठाव का संगठित कारोबार चल रहा था।

  1. वाहन जब्ती: बालू का अवैध परिवहन कर रहे वाहन (JH 05DT 8284) को जब्त कर बिरसानगर थाना को सुपुर्द किया गया।

  2. चचड़ी विध्वंस: माफियाओं ने नदी के भीतर बालू निकालने के लिए कई 'चचड़ी' (अस्थायी लकड़ी के पुल) और अन्य संरचनाएं बना रखी थीं। प्रशासन ने पोकलेन और क्रेन की मदद से इन सभी अवैध संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया, ताकि भविष्य में यहाँ से बालू का उठाव मुमकिन न हो सके।

प्रशासनिक कार्रवाई का रिपोर्ट कार्ड (16-19 दिसंबर)

तिथि स्थान जब्ती/कार्रवाई
16 दिसंबर बहरागोड़ा अंचल 15,000 घन फीट अवैध बालू जब्त
18 दिसंबर घाटशिला क्षेत्र पत्थर चिप्स लदा हाइवा (JH 09AT 9118)
19 दिसंबर बिरसानगर घाट बालू लदा वाहन (JH 05DT 8284)
विशेष स्वर्णरेखा घाट अवैध चचड़ी संरचनाएं पूरी तरह ध्वस्त

बहरागोड़ा में बालू का विशाल भंडार ज़ब्त

प्रशासन की सक्रियता केवल शहर तक सीमित नहीं है। इससे पहले 16 दिसंबर को बहरागोड़ा अंचल में बड़ी कार्रवाई की गई थी, जहाँ लगभग 15,000 घन फीट अवैध रूप से भंडारित बालू को जब्त किया गया था। इतनी बड़ी मात्रा में बालू का भंडारण यह दर्शाता है कि माफिया किसी बड़े निर्माण प्रोजेक्ट को अवैध तरीके से सप्लाई करने की फिराक में थे।

उपायुक्त का कड़ा संदेश: बख्शे नहीं जाएंगे अपराधी

जमशेदपुर जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि अवैध खनन, परिवहन और भंडारण में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि छापेमारी का यह सिलसिला आने वाले दिनों में और तेज होगा। पुलिस अब उन बड़े चेहरों की पहचान करने में जुटी है जो इन ड्राइवरों और छोटे वाहनों के पीछे रहकर करोड़ों का यह काला साम्राज्य चला रहे हैं।

पर्यावरण की रक्षा के लिए बड़ी जीत

नदियों से अवैध बालू उठाव केवल राजस्व की चोरी नहीं है, बल्कि यह स्वर्णरेखा के अस्तित्व के लिए भी खतरा है। चचड़ी ध्वस्त कर प्रशासन ने माफियाओं के हौसले पस्त कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि इस कार्रवाई के बाद क्या खनन माफिया कोई नया रास्ता निकालते हैं या प्रशासन की यह मुस्तैदी उन्हें घुटने टेकने पर मजबूर कर देती है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।