Jamshedpur Exposure Visit: सरकारी स्कूलों के बच्चे जाएंगे टाटा मोटर्स, शूटिंग रेंज और एनएमएल—जानें क्यों खास है ‘अन्वेषण 2.0’
जमशेदपुर में 'प्रोजेक्ट अन्वेषण 2.0' के तहत सरकारी स्कूलों के छात्रों को टाटा मोटर्स, शूटिंग रेंज, एनएमएल जैसी संस्थाओं का भ्रमण कराया जाएगा। जानें कैसे यह पहल छात्रों को भविष्य की तकनीकों, खेलों और शोध कार्यों से जोड़ेगी।

झारखंड के जमशेदपुर से एक ऐसी पहल की शुरुआत हुई है, जो सरकारी स्कूलों के बच्चों को सीधे भविष्य के सपनों से जोड़ रही है। इस कार्यक्रम का नाम है प्रोजेक्ट अन्वेषण 2.0, जिसका उद्देश्य सिर्फ स्कूल की किताबों तक छात्रों को सीमित नहीं रखना, बल्कि उन्हें तकनीकी, औद्योगिक और खेल जगत की असल दुनिया से रूबरू कराना है।
उपायुक्त अनन्य मित्तल की अगुवाई में समाहरणालय सभागार में इस पहल के दूसरे चरण को लेकर एक अहम बैठक आयोजित हुई, जिसमें जिले के निजी कंपनियों और प्रमुख संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। बैठक में उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान भी उपस्थित रहे। चर्चा का मुख्य फोकस था—गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए बच्चों की सुरक्षा, समय पर परिवहन, भोजन और भ्रमण की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करना।
पहले चरण में जहां केवल 15 स्कूलों के 11वीं कक्षा के छात्रों को जोड़ा गया था, वहीं अन्वेषण 2.0 में अब 25 सरकारी स्कूलों के कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्र शामिल होंगे। इन छात्रों का 8 मई को जमशेदपुर की प्रतिष्ठित संस्थाओं का शैक्षणिक भ्रमण प्रस्तावित है।
भ्रमण स्थलों की बात करें तो ये हैं बेहद खास:
छात्रों को जिन संस्थानों में ले जाया जाएगा, उनमें शामिल हैं—JRDT टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, शूटिंग रेंज, टाटा मोटर्स, CSIR-NML (राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला), NTTF, टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर, IDTR-Cummins, जेएन टाटा वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, और जूलॉजिकल पार्क।
यह भ्रमण सिर्फ एक सैर नहीं, बल्कि उनके भीतर तकनीकी समझ, औद्योगिक प्रक्रियाओं की जानकारी, और रिसर्च के महत्व को बढ़ाने का एक व्यावहारिक प्रयास है।
इतिहास की बात करें तो…
जमशेदपुर में शिक्षा और उद्योग के बीच साझेदारी की जड़ें पुरानी हैं। 20वीं सदी की शुरुआत में जब टाटा समूह ने यहां औद्योगिक क्रांति की नींव रखी, तभी से इस शहर को 'शिक्षा और श्रम का संगम' कहा जाता रहा है। टाटा स्टील और एनएमएल जैसी संस्थाएं लगातार छात्रों के लिए शोध और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करती रही हैं।
क्यों है यह पहल खास?
आज के दौर में जब शिक्षा सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रह गई है, ऐसे में प्रोजेक्ट अन्वेषण 2.0 छात्रों को न केवल व्यावसायिक और तकनीकी क्षेत्र से परिचित कराएगा, बल्कि उन्हें यह भी दिखाएगा कि कैसे भविष्य में वे इन क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते हैं।
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JRDT स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में छात्र सीखेंगे टीम वर्क और फिटनेस का महत्व।
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शूटिंग रेंज में उन्हें अनुशासन और एकाग्रता की महत्ता समझाई जाएगी।
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टाटा मोटर्स में वे देखेंगे कैसे एक वाणिज्यिक वाहन का निर्माण होता है।
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CSIR-NML में मिलेगा उन्हें विज्ञान और धातुकर्म की उन्नत प्रयोगशालाओं का अनुभव।
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IDTR-Cummins में इंजन निर्माण की प्रक्रिया और ऑटोमोटिव तकनीक के नवाचारों की जानकारी दी जाएगी।
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जूलॉजिकल पार्क में वन्यजीव संरक्षण और जैव विविधता के महत्व से रुबरु होंगे छात्र।
इन स्कूलों के बच्चों को मिलेगा मौका:
बहरागोड़ा, बोड़ाम, चाकुलिया, धालभूमगढ़, घाटशिला, गुड़ाबांदा, मुसाबनी, पटमदा, पोटका और जमशेदपुर प्रखंड के कुल 25 सरकारी स्कूल इस भ्रमण में भाग लेंगे।
क्या कहते हैं अधिकारी?
उपायुक्त अनन्य मित्तल ने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी वही अवसर दिए जाएं, जो अब तक केवल निजी स्कूलों तक सीमित रहे हैं। अन्वेषण सिर्फ एक भ्रमण नहीं, बल्कि भविष्य की नींव है।”
प्रोजेक्ट अन्वेषण 2.0 न सिर्फ छात्रों को उत्साहित करेगा, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और प्रेरणा भी देगा कि वे भी किसी कॉर्पोरेट लैब, वाहन संयंत्र या रिसर्च इंस्टीट्यूट में अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। जमशेदपुर की यह पहल पूरे राज्य के लिए एक उदाहरण बनती जा रही है—शिक्षा को हकीकत से जोड़ने की दिशा में एक मजबूत कदम।
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