Jamshedpur Election: पिछड़ा वर्ग आरक्षण की पात्रता तय करने के लिए प्रशासन ने शुरू किया डोर-टू-डोर सर्वे
जमशेदपुर में नगर निकाय चुनाव से पहले पिछड़ा वर्ग आरक्षण की पात्रता तय करने के लिए प्रशासन ने डोर-टू-डोर सर्वे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जानें पूरी जानकारी।
जमशेदपुर में नगर निकाय चुनावों को लेकर अब एक नई प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी (नगरपालिका) अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में मंगलवार को एक अहम बैठक हुई, जिसमें पिछड़ा वर्गों को आरक्षण दिए जाने की पात्रता निर्धारण की योजना पर चर्चा की गई।
31 दिसंबर तक आरक्षण पात्रता तय करने का लक्ष्य
बैठक में यह साफ किया गया कि 31 दिसंबर तक नगर निकायों में पिछड़ा वर्गों को आरक्षण देने की पात्रता तय की जानी है। इसके लिए प्रशासन ने एक ठोस योजना बनाई है, जिसमें सभी संबंधित नगर निकायों के पदाधिकारियों को प्रगणक, पर्यवेक्षक और अनुश्रवण समिति के गठन और प्रतिनियुक्ति के निर्देश दिए गए हैं। यह समिति 26 दिसंबर को प्रशिक्षण लेगी और इसके बाद 27 दिसंबर से डोर-टू-डोर सर्वे का कार्य शुरू होगा।
क्या है डोर-टू-डोर सर्वे का महत्व?
डोर-टू-डोर सर्वे एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे पिछड़ा वर्ग के आरक्षण पात्रता निर्धारण के लिए किया जा रहा है। इस सर्वे के माध्यम से प्रशासन यह जान सकेगा कि किस क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग के लोग निवास करते हैं और उनकी संख्या कितनी है। यह जानकारी आगामी चुनावों में आरक्षण तय करने में मदद करेगी।
पदाधिकारियों को दिए गए सख्त निर्देश
बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सर्वे के लिए प्रपत्रों की छपाई और मुद्रण की प्रक्रिया भी जल्दी पूरी की जाए। इसके अलावा, उन्हें यह भी बताया गया कि 31 दिसंबर तक पिछड़ा वर्ग आरक्षण से संबंधित कार्यों को आयोग के निदेशानुसार पूरा किया जाए।
जमशेदपुर के मानगो नगर निगम, जुगसलाई नगर परिषद और जमशेदपुर अक्षेस सहित सभी नगर निकायों में इस सर्वे का कार्य जारी रहेगा, ताकि चुनावों की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
क्या है उच्च न्यायालय का आदेश?
आपको बताते चलें कि उच्च न्यायालय ने नगर निकाय चुनावों पर फिलहाल रोक लगा दी है। इसके लिए पिछड़ा वर्ग आरक्षण की पात्रता तय करने का आदेश दिया गया है। इसके बाद ही चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। यही कारण है कि प्रशासन अब पिछड़ा वर्ग के आरक्षण की पात्रता निर्धारित करने के लिए यह सर्वे कर रहा है।
मुख्य अधिकारी कौन थे इस बैठक में?
बैठक में विभिन्न अधिकारियों और प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इनमें प्रमुख नाम थे:
- रिंकू कुमारी (जिला पंचायती राज पदाधिकारी)
- मृत्युंजय कुमार (कार्यपालक दण्डाधिकारी)
- सुरेश यादव (उप नगर आयुक्त, मानगो नगर निगम)
- आकिब जावेद (सहायक नगर आयुक्त)
- निर्मल कुमार (सीएमएम)
इन सभी अधिकारियों की मौजूदगी में यह तय किया गया कि सर्वे कार्य प्रभावी और समय पर पूरा किया जाएगा।
शुरू होगा चुनाव का रास्ता
सर्वे पूरा होने के बाद नगर निकायों के चुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा, और फिर जमशेदपुर, जुगसलाई और मानगो के नगर निगम और अन्य निकायों के चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकेगा। इस पूरी प्रक्रिया में पिछड़ा वर्ग आरक्षण की भूमिका अहम होगी, और इसके आधार पर ही चुनाव के लिए पात्रता निर्धारित की जाएगी।
क्या आपको लगता है कि पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का सही तरीके से निर्धारण होना चाहिए? इस मुद्दे पर आपकी क्या राय है? हमें अपनी राय जरूर बताएं।
इस तरह की प्रक्रिया ने चुनावों से पहले समाज के हर वर्ग को जोड़ने और उनका अधिकार सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई है। अब प्रशासन के सामने चुनौती यह है कि वह इस सर्वे को सटीक और पारदर्शी तरीके से पूरा कर सके, ताकि चुनावों की प्रक्रिया बिना किसी अवरोध के पूरी हो सके।
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