जमशेदपुर में ऐतिहासिक दुर्गा पूजा विसर्जन! प्रशासन की नायाब पहल से हर कोई रह गया दंग!
दुर्गा पूजा 2024: पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन की कुशलता और सजगता से शांति और हर्षोल्लास का अद्भुत संगम। जानिए कैसे समय से पहले हुआ प्रतिमा विसर्जन!पूर्वी सिंहभूम के इतिहास में पहली बार, जिला प्रशासन की सजगता और उत्कृष्ट पहल से शारदीय दुर्गा पूजा 2024 का सफल आयोजन हुआ। जानें कैसे प्रशासन ने शांति और उल्लास का माहौल बनाया और क्यों समिति ने उन्हें विशेष बधाई दी।
जमशेदपुर, 15 अक्टूबर 2024 – पूर्वी सिंहभूम के इतिहास में पहली बार, जिला प्रशासन की सजगता और उत्कृष्ट पहल से शारदीय दुर्गा पूजा का समापन इतने भव्य और सफल तरीके से हुआ कि पूरा शहर दंग रह गया। दस दिनों तक चलने वाले इस सबसे बड़े त्यौहार को न केवल पारंपरिक तरीके से, बल्कि शांति और उल्लास के अद्वितीय माहौल में संपन्न किया गया। प्रशासन की चुस्ती और कुशल प्रबंधन से इस बार प्रतिमा विसर्जन समय से पहले ही कर लिया गया, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
शांति और उल्लास का अद्भुत संगम
दुर्गा पूजा 2024 के आयोजन के दौरान, जमशेदपुर में जिस तरह का शांति और उत्सव का माहौल बना, वह सब जिला प्रशासन की कुशल योजना और सजगता का नतीजा था। प्रशासन ने त्योहार के दौरान विधि-व्यवस्था का विशेष ध्यान रखते हुए हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर पैनी नजर बनाए रखी। शांति व्यवस्था को लेकर प्रशासन की इतनी कुशलता देखने को मिली कि बड़े से बड़े आयोजन बिना किसी अप्रिय घटना के समय से पहले संपन्न हो गए।
समिति ने जताया आभार
इस ऐतिहासिक सफलता के बाद, पूर्वी सिंहभूम सेंट्रल दुर्गा पूजा समिति का एक प्रतिनिधिमंडल महासचिव ललन यादव और वरीय उपाध्यक्ष बलदेव सिंह मेहरा के नेतृत्व में जिला समाहरणालय पहुंचा। उन्होंने जिला के उपायुक्त, वरीय पुलिस अधीक्षक, एडीएम विधि व्यवस्था और अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम जमशेदपुर से शिष्टाचार मुलाकात कर उन्हें विशेष बधाई दी। इस मुलाकात के दौरान समिति ने प्रशासन की सजगता और कुशल शासकीय सेवा के प्रति अपना आभार व्यक्त किया और उन्हें सम्मानित किया।
किस तरह की थी प्रशासन की तैयारी?
दुर्गा पूजा जैसे बड़े आयोजन के लिए प्रशासन ने पहले से ही बहुत चुस्त तैयारी की थी। इसके अंतर्गत सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई, साथ ही सभी पूजा पंडालों और प्रमुख मार्गों पर पुलिस की तैनाती की गई थी। प्रशासन की योजना इतनी प्रभावी थी कि सभी कार्यक्रमों में कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई और हर कोई सुरक्षित महसूस कर रहा था। साथ ही, समय से पहले ही प्रतिमा विसर्जन की प्रक्रिया को संपन्न किया गया, जो इस साल का सबसे खास पहलू रहा।
समिति के सदस्यों का योगदान
सेंट्रल दुर्गा पूजा समिति ने भी इस वर्ष के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। समिति के संयुक्त सचिव झरना पाल, वरीय उपाध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा, वीरेंद्र सिंह, सविता दास, उपाध्यक्ष राकेश कुमार साहू, प्रणव नाहा, गुलजार सिंह, हर्ष यादव और अन्य सक्रिय सदस्य हमेशा की तरह इस बार भी आयोजन में सक्रिय रूप से शामिल रहे।
आगे क्या?
इस बार के सफल आयोजन ने आगामी वर्षों के लिए एक मिसाल कायम कर दी है। प्रशासन की इस पहल को देखकर लगता है कि आने वाले समय में ऐसे उत्सव और भी अधिक संगठित और प्रभावी ढंग से मनाए जाएंगे। दुर्गा पूजा समिति और जिला प्रशासन की इस नायाब साझेदारी से शहरवासी बेहद संतुष्ट हैं और उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी ऐसी ही शांति और उल्लास का माहौल बना रहेगा।
नायक बने प्रशासनिक अधिकारी
इस पूरे आयोजन के नायक बने जिला के उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक, जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से इस कार्यक्रम पर नजर रखी और सुनिश्चित किया कि किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो। समिति ने उन्हें आभार पत्र और शुभकामनाएं देकर इस आयोजन की सफलता का श्रेय दिया।
जिला प्रशासन और समिति की इस साझेदारी ने यह साबित कर दिया है कि जब जनता, प्रशासन और समिति एकजुट होकर काम करें, तो हर उत्सव न केवल सफल होता है, बल्कि उसे ऐतिहासिक बना दिया जाता है।
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