Jamshedpur: संविधान दिवस पर डॉ. अजय कुमार ने कहा, "संविधान की रक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है"
Jamshedpur में संविधान दिवस पर डॉ. अजय कुमार ने संविधान की रक्षा की अहमियत पर बात की। जानें उनके बयान और संविधान की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी के बारे में।
जमशेदपुर: भारतीय संविधान स्थापना दिवस के अवसर पर कांग्रेस नेता डॉ. अजय कुमार ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और संविधान की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी सभी भारतीयों पर डालते हुए एक अहम बयान दिया। उन्होंने कहा, "भारतीय संविधान भारतीय लोकतंत्र की रीढ़ है और इसकी रक्षा करना हम सभी का कर्तव्य है।"
संविधान दिवस और भारतीय संविधान की ऐतिहासिक भूमिका
भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था, जिसके उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। हालांकि, संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को स्वीकृति दी थी। यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉ. अजय ने इस दिन को संविधान के महत्व को समझने का अवसर बताते हुए कहा कि यह केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि देश की लोकतांत्रिक संरचना और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की नींव है।
संविधान को कमजोर करने की साजिश
डॉ. अजय कुमार ने अपने बयान में विशेष रूप से बीजेपी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना में 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' जैसे शब्दों को हटाने की साजिश की गई थी, जो कि भाजपा के ‘घृणित मानसिकता’ का उदाहरण है। यह साजिश तब सामने आई जब सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, लेकिन अदालत ने इस याचिका को खारिज कर संविधान की रक्षा की और बीजेपी नेताओं को करारा जवाब दिया।
संवैधानिक पदों पर बैठे लोग उड़ा रहे हैं संविधान की धज्जियां
डॉ. अजय ने संविधान के उल्लंघन पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि जो लोग संवैधानिक पदों पर बैठकर देश की न्यायिक और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रहे हैं, वे ही संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा, "संविधान की गरिमा को तार-तार किया जा रहा है, और देश की सर्वोच्च संस्थाएं मूकदर्शक बनी हुई हैं। हमें इसपर गहरा ध्यान देना चाहिए और संविधान की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से आगे आना चाहिए।"
बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति और ओडिशा राज्यपाल का विवाद
डॉ. अजय ने बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति पर भी निशाना साधा, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी भाषणों पर। उन्होंने प्रधानमंत्री के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ जैसे विवादास्पद बयानों का विरोध करते हुए कहा कि इस तरह की बयानबाजी से देश का लोकतंत्र कमजोर हो रहा है। इसके अलावा ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास द्वारा विधानसभा चुनाव में खुलेआम अपने पक्ष में प्रचार करने का मामला भी उन्होंने उठाया, जिसमें चुनाव आयोग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
क्या फिर से 'फूट डालो और राज करो' की नीति?
डॉ. अजय ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी अपनी सत्ता की लालच में देश को एक बार फिर उस राह पर ले जाने की कोशिश कर रही है, जिस पर ब्रिटिश साम्राज्य ने 'फूट डालो और राज करो' की नीति अपनाई थी। भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति से समाज में असंतोष फैलने का खतरा है, और यह देश की शांति और एकता को नष्ट कर सकता है।
संविधान की रक्षा के लिए उठाए कदम
डॉ. अजय कुमार ने यह भी कहा कि यदि संविधान की रक्षा नहीं की गई, तो यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए जागरूक हों और संविधान को कमजोर करने के किसी भी प्रयास का विरोध करें।
संविधान दिवस के इस विशेष अवसर पर डॉ. अजय कुमार का बयान एक चेतावनी है कि भारतीय संविधान को किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होने देना चाहिए। यह केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि लोकतंत्र और नागरिकों के अधिकारों का संरक्षक है। यदि संवैधानिक संस्थाएं मूकदर्शक बनी रहीं, तो भारतीय लोकतंत्र पर गहरा संकट आ सकता है।
डॉ. अजय ने यह स्पष्ट किया कि यह हम सभी भारतीयों का कर्तव्य है कि हम संविधान की रक्षा करें और सुनिश्चित करें कि किसी भी सत्ताधारी पार्टी या व्यक्ति द्वारा इसे कमजोर करने का प्रयास न हो। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम भारतीय लोकतंत्र और संविधान की गरिमा बनाए रखें।
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