Jamshedpur Mela: बच्चों की शारीरिक और मानसिक फिटनेस को लेकर सरयू राय ने कही बड़ी बात, जानें क्या था खास!

जमशेदपुर में बाल मेला 2024 में बच्चों की शारीरिक और मानसिक फिटनेस पर खास ध्यान दिया गया। विधायक सरयू राय ने बच्चों के अधिकारों और फिटनेस पर क्या कहा? जानें सभी प्रतियोगिता परिणाम और आयोजकों की सराहना।

Nov 20, 2024 - 18:23
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Jamshedpur Mela: बच्चों की शारीरिक और मानसिक फिटनेस को लेकर सरयू राय ने कही बड़ी बात, जानें क्या था खास!
Jamshedpur Mela: बच्चों की शारीरिक और मानसिक फिटनेस को लेकर सरयू राय ने कही बड़ी बात, जानें क्या था खास!

20 नवम्बर 2024: जमशेदपुर में आयोजित बाल मेला 2024 बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक शानदार आयोजन बना। इस अवसर पर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने बच्चों के शारीरिक और मानसिक फिटनेस के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज के समय में बच्चों का शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना न केवल उनके व्यक्तिगत विकास के लिए जरूरी है, बल्कि यह उन्हें जीवन की आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार भी करता है।

स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट और नेचर फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित इस बाल मेला का आयोजन सिदगोड़ा स्थित चिल्ड्रन पार्क में हुआ था। श्री राय ने कहा कि इस बार चुनाव आचार संहिता के चलते बाल मेला एक दिन का ही रखा गया, लेकिन फिर भी यह आयोजन बेहद सफल रहा। इस आयोजन में बच्चों को उनके अधिकारों, कर्तव्यों, और शारीरिक-मानसिक फिटनेस के बारे में जागरूक किया गया।

बाल अधिकारों पर ऐतिहासिक दृष्टि

इस मौके पर सरयू राय ने बच्चों के अधिकारों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि 1954 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 20 नवम्बर को विश्व बाल दिवस घोषित किया गया था। इसके बाद, 1959 में बाल अधिकार घोषणा पत्र जारी किया गया और फिर 1989 में बाल अधिकार समझौता को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंगीकार किया। भारत ने 1992 में इस पर हस्ताक्षर किए और 2005 में बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम लागू किया।

उनके अनुसार, बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए देश में समावेशी नीतियां लागू की जा रही हैं, और ऐसे आयोजनों से बच्चों को इन नीतियों के बारे में जागरूक किया जाता है।

खिलाड़ियों से मिली प्रेरणा:

इस अवसर पर पूर्व ओलंपियन भूपिंदर सिंह और एनसी देव ने भी बच्चों से निरंतर अभ्यास करने की अपील की। भूपिंदर सिंह ने बच्चों को खेलों में मेहनत करने और अपनी तकनीक पर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “खिलाड़ियों को लगातार मेहनत करनी चाहिए और प्रैक्टिस पर फोकस करना चाहिए।” वहीं, एनसी देव, जो अब 89 साल के हो चुके हैं, ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “जब मैंने 1959 में भारत का प्रतिनिधित्व किया, तब देश की स्थिति आज से बहुत अलग थी। आज जब मैं छोटे-छोटे बच्चों को खेलते हुए देखता हूं, तो मुझे अपना बचपन याद आता है।”

महत्वपूर्ण प्रतियोगिता परिणाम

बाल मेला 2024 में आयोजित विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में बच्चों ने अपनी शानदार प्रतिभा का प्रदर्शन किया। कबड्डी (बालक वर्ग) में बीपीएम बर्मा माइंस ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि बालिका वर्ग में हरिजन मध्य विद्यालय, भालूबाशा ने पहला स्थान जीता।

मटकी दौड़, एक पैर की दौड़, और गोला फेंक जैसी खेलों में भी बच्चों ने अपना शानदार प्रदर्शन किया। नेहा कुमारी (जेवियर पब्लिक स्कूल) ने मटकी दौड़ में पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि हिमांशु कुमार (जेवियर पब्लिक स्कूल) ने एक पैर की दौड़ में जीत हासिल की।

बास्केटबॉल में भी बच्चों ने कमाल का खेल दिखाया। एलआईएस स्कूल, टेल्को ने बालिका वर्ग में पहला स्थान प्राप्त किया, और आरकेएमएस, सिदगोड़ा ने बालक वर्ग में टॉप किया।

आयोजकों की सराहना

स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट के ट्रस्टी आशुतोष राय, सरयू राय के निजी सचिव सुधीर सिंह, और अन्य सहयोगियों का आयोजन को सफल बनाने में महती योगदान रहा। उन्होंने बच्चों को खेलों के महत्व के बारे में बताया और इस तरह के आयोजनों को बढ़ावा देने के लिए सराहना की।

मंच संचालन का कार्य वरिष्ठ खेल प्रशिक्षक श्याम कुमार शर्मा ने किया, जिनकी मेहनत और मार्गदर्शन ने इस आयोजन को विशेष बना दिया।

आखिरकार, बच्चों के लिए क्या था संदेश?

सरयू राय ने इस आयोजन के माध्यम से बच्चों को यह संदेश दिया कि शिक्षा के साथ-साथ खेल भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उनका मानना है कि बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास तभी हो सकता है, जब वे खेलों में भाग लें और नियमित रूप से अभ्यास करें।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।