Jamshedpur Firing: घर में सो रहे युवक को मारी गोली, हमलावर का कोई सुराग नहीं!
जमशेदपुर के गरुड़बासा में एक खौफनाक वारदात! घर में घुसकर युवक को गोली मारी गई, हमलावर का कोई सुराग नहीं। पुलिस कर रही है जांच, जानिए पूरी खबर।

जमशेदपुर: झारखंड के जमशेदपुर में एक खौफनाक वारदात सामने आई है। गोविंदपुर थाना क्षेत्र के गरुड़बासा स्थित प्रकाशनगर में 22 वर्षीय शंभू लोहार को घर में घुसकर गोली मार दी गई।
आखिर कौन है हमलावर, जो घर में घुसकर गोली मारकर फरार हो गया?
क्या यह किसी पुरानी दुश्मनी का नतीजा था या साजिश के तहत हुआ हमला?
घायल शंभू लोहार की हालत गंभीर है और उसे टाटा मोटर्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना ने पूरे इलाके में सन्नाटा और दहशत फैला दी है।
रात 9 बजे सोते हुए मारी गई गोली – घर में मौजूद किसी को भनक तक नहीं लगी!
घटना सोमवार रात 9 बजे की है, जब शंभू अपने घर की ऊपरी मंजिल पर सो रहा था।
अचानक एक गोली चली और वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
गोली सीधे उसकी छाती में लगी और वहीं फंस गई।
हमलावर इतनी चालाकी से घर में घुसा कि नीचे मौजूद किसी भी परिजन को भनक तक नहीं लगी।
पुलिस इस वारदात को लेकर कई एंगल से जांच कर रही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है –
घर में घुसकर गोली चलाने वाला हमलावर आखिर था कौन?
पुलिस की जांच, परिवार के सदस्यों से पूछताछ जारी
पुलिस के लिए यह मामला उलझा हुआ है, क्योंकि शंभू की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी।
संदेह के आधार पर पुलिस ने उसके रिश्तेदार प्रकाश, दीपक, जयंती, लीला और बलराम को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
लेकिन परिवार के किसी भी सदस्य को नहीं पता कि हमला करने वाला कौन था और वह घर में कैसे घुसा।
क्या हमलावर कोई जान-पहचान वाला था या यह किसी बाहरी अपराधी की करतूत है?
गोली मारने की वजह क्या थी? कौन कर सकता है ऐसा?
शंभू लोहार मूल रूप से सरायकेला का रहने वाला है और जमशेदपुर में अपने फूफा-फूआ के घर रहकर मजदूरी करता था।
परिवार का कहना है कि उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी, लेकिन फिर भी उसे गोली मारी गई।
घर के सभी लोग ग्राउंड फ्लोर पर थे, लेकिन गोली ऊपरी मंजिल पर मारी गई – इसका मतलब यह हुआ कि हमलावर को घर के अंदर आने का रास्ता पता था।
क्या यह किसी पुरानी दुश्मनी का नतीजा था, या किसी करीबी का विश्वासघात?
जमशेदपुर में पहले भी हुई हैं ऐसी वारदातें!
यह पहली बार नहीं है जब जमशेदपुर में ऐसी वारदात हुई हो।
2023 में सिदगोड़ा इलाके में भी एक युवक को उसके ही घर में घुसकर गोली मारी गई थी।
2018 में बागबेड़ा में होली की रात दो गुटों में झगड़ा हुआ और एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
क्या जमशेदपुर अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बनता जा रहा है?
हमलावर का कोई सुराग नहीं, पुलिस के सामने चुनौती
पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है।
परिवार के सदस्यों से बार-बार पूछताछ की जा रही है, लेकिन हमलावर को लेकर कोई जानकारी नहीं मिल रही है।
हमलावर का घर में घुसने का तरीका और वारदात को अंजाम देने का तरीका इस केस को और भी पेचीदा बना रहा है।
क्या पुलिस जल्द हमलावर को पकड़ पाएगी?
या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
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