Jamshedpur Training: माइक्रो ऑब्जर्वर और रिसिलिंग टीम का प्रशिक्षण, चुनाव की पारदर्शिता का वादा
पूर्वी सिंहभूम में 23 जून को होने वाली विधानसभा चुनाव मतगणना के लिए माइक्रो ऑब्जर्वर और रिसिलिंग टीम का प्रशिक्षण संपन्न हुआ। जानिए, कैसे चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता को बनाए रखा जाएगा और निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
20 नवम्बर 2024: पूर्वी सिंहभूम जिले में आगामी विधानसभा चुनाव की मतगणना 23 जून 2024 को होने वाली है, और इसके लिए सभी तैयारियां अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। माइक्रो ऑब्जर्वर और रिसिलिंग टीम के लिए हाल ही में बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन सभागार में प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष, पारदर्शी, और ईमानदार तरीके से सम्पन्न हो, और कोई भी अनियमितता न हो।
माइक्रो ऑब्जर्वर का प्रशिक्षण: निर्वाचन प्रक्रिया की निगरानी का जिम्मा
दूसरे चरण में आयोजित इस प्रशिक्षण सत्र में जिला निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनन्य मित्तल और परियोजना निदेशक आईटीडीए श्री दीपांकर चौधरी ने मुख्य रूप से उपस्थित माइक्रो ऑब्जर्वरों को संबोधित किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य मतगणना प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करना है। श्री मित्तल ने सभी उपस्थित अधिकारियों को यह निर्देश दिए कि वे निर्वाचन आयोग के गाइडलाइनों के अनुसार अपने दायित्वों का निर्वहन करें, ताकि मतगणना में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी का सामना न करना पड़े।
माइक्रो ऑब्जर्वरों को उनके कार्यों से अवगत कराया गया, जिनमें ईवीएम और वीवीपैट की जांच, मतदान केंद्र की निगरानी, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करना शामिल था। इस प्रशिक्षण के दौरान यह भी बताया गया कि वे कैसे सभी रिपोर्ट्स और दस्तावेज़ समय पर और सही तरीके से प्रस्तुत करेंगे, ताकि पूरी प्रक्रिया में कोई व्यवधान न आए।
मतगणना प्रक्रिया: पारदर्शिता और विश्वसनीयता का संकल्प
माइक्रो ऑब्जर्वरों को यह समझाया गया कि उनका मुख्य कार्य मतगणना के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोकना और चुनाव परिणामों को सही तरीके से गिनने की प्रक्रिया का पालन करना है। श्री मित्तल ने कहा कि सभी अधिकारियों को इस दौरान बेहद सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि मतगणना हॉल में प्रवेश और निकासी की सख्त निगरानी की जाएगी। इसके अलावा, ईवीएम और वीवीपैट की सही ढंग से जांच और सत्यापन का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। माइक्रो ऑब्जर्वर को यह निर्देश भी दिए गए कि वे मतगणना प्रक्रिया के प्रत्येक चरण की कड़ी निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि कोई भी अनियमितता न हो।
मतगणना में कर्मचारियों के कार्य और जिम्मेदारियाँ
इस प्रशिक्षण में, मास्टर ट्रेनरों ने मतगणना की विभिन्न प्रक्रियाओं और सावधानियों के बारे में विस्तार से बताया। माइक्रो ऑब्जर्वरों को यह बताया गया कि कैसे ईवीएम और वीवीपैट के परिणामों का मिलान किया जाएगा और किस प्रकार के विवादों को सुलझाया जाएगा।
सभी उपस्थित कर्मचारियों को यह समझाया गया कि उनके कर्तव्यों में समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करना, मतगणना केंद्र में अनुशासन बनाए रखना, और किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोकना शामिल है। साथ ही, उन्हें यह भी बताया गया कि अगर कोई समस्या आती है तो उसे तुरंत रिपोर्ट किया जाए।
चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता: एक महत्वपूर्ण कदम
जिला निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनन्य मित्तल ने इस प्रशिक्षण सत्र के अंत में सभी उपस्थित अधिकारियों से अपील की कि वे अपनी जिम्मेदारी समझें और इस चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाएं। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण सत्र चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने सभी अधिकारियों से यह भी कहा कि वे अपनी शंकाओं को दूर करें, प्रशिक्षण का समुचित लाभ लें, और मतगणना के दौरान पूरी ईमानदारी से काम करें।
एकजुटता और सहयोग की आवश्यकता
अंत में, श्री मित्तल ने सभी अधिकारियों से आपसी सहयोग और समन्वय की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में माइक्रो ऑब्जर्वरों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और उनकी जिम्मेदारी चुनाव परिणामों की सटीकता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगी।
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