Jamshedpur Encroachment Row: भुइयांडीह में तोड़फोड़ से हाहाकार, 60 घर तोड़े जाने पर रोड जाम, टाटा स्टील के खिलाफ आदिवासी नेताओं का बड़ा ऐलान!
जमशेदपुर के भुइयांडीह में 60 मकानों को हटाने पर बवाल! पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने रोड जाम कर विरोध जताया। बिना नोटिस तोड़फोड़ पर भड़के आदिवासी नेता, हाईकोर्ट जाने की तैयारी।
जमशेदपुर, 27 नवंबर 2025 – झारखंड (Jharkhand) की इस्पात नगरी जमशेदपुर (Jamshedpur) में एक बार फिर से अतिक्रमण (Encroachment) हटाने को लेकर तनाव (Tension) चरम पर पहुंच गया है। भुइयांडीह (Bhuyandih) क्षेत्र में जिला प्रशासन (District Administration) और टाटा स्टील (Tata Steel) के सुरक्षाकर्मियों (Security Personnel) की मदद से बुधवार (Wednesday) को करीब 60 से अधिक मकानों (Houses) को तोड़ (Demolished) दिया गया, जिसमें पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां (Dulal Bhuiyan) समेत कई स्थानीय नेताओं के घर और पक्की दुकानें शामिल थीं। इस तोड़फोड़ की कार्रवाई (Action) के खिलाफ गुरुवार की सुबह (Thursday Morning) स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए और आंदोलन (Agitation) शुरू कर दिया, जिससे पूरे इलाके में हंगामा (Commotion) और रोड जाम (Road Blockade) की स्थिति बन गई।
रोड जाम कर हुआ जबरदस्त विरोध, टाटा स्टील पर निशाना
गुरुवार सुबह जैसे ही स्थानीय लोगों ने देखा कि उनके मकान और दुकानें तोड़ दी गई हैं, उनका गुस्सा (Anger) फूट पड़ा। दुलाल भुइयां और उनके भाई बलदेव भुइयां (Baldev Bhuiyan) के नेतृत्व (Leadership) में लोगों ने सड़क पर टायर जलाकर (Burning Tires) और नारेबाजी (Sloganeering) करके प्रशासन और टाटा स्टील के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन (Protest) किया।
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आदिवासी उत्पीड़न: नेताओं ने आरोप (Allegation) लगाया कि टाटा स्टील एक बार फिर से दलितों, आदिवासियों (Adivasis) और मूलवासियों (Moolvasis) को उजाड़ने (Displacing) की साजिश (Conspiracy) कर रहा है। उन्होंने इसे सीधा अन्याय (Injustice) बताया और कहा कि इसका तीव्र (Strong) विरोध जारी रहेगा।
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हुड़का जाम की घोषणा: दुलाल भुइयां ने गुस्से में आकर टाटा स्टील के लिए महत्वपूर्ण (Important) 'हुड़का जाम' (Hurka Blockade) करने की भी घोषणा (Announced) कर दी, जो कंपनी के परिचालन (Operation) को बाधित (Obstruct) कर सकता है।
बिना नोटिस तोड़फोड़? हाईकोर्ट जाने की तैयारी
इस मुद्दे को सिर्फ सड़क तक ही सीमित (Limited) नहीं रखा जाएगा। दुलाल भुइयां ने सामाजिक कार्यकर्ता (Social Worker) शिवशंकर सिंह (Shivshankar Singh) के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press Conference) करके इस कार्रवाई पर कड़ा एतराज (Strong Objection) जताया।
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कानूनी लड़ाई: नेताओं ने साफ कहा कि अगर जिला प्रशासन अपनी मनमानी (Arbitrariness) बंद नहीं करता है, तो वे इस मुद्दे को लेकर झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) का दरवाजा खटखटाएंगे।
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नो नोटिस: विरोध का मुख्य आधार (Main Basis of Protest) यह है कि प्रशासन और टाटा स्टील सुरक्षाकर्मी बिना किसी पूर्व सूचना (Prior Notice) के दुकानों और मकानों को हटा रहे हैं। इस तरह की अवैध (Illegal) और एकतरफा (Unilateral) कार्रवाई का हर स्तर पर विरोध करने की घोषणा की गई है।
यह घटना जमशेदपुर के पुराने जमीन विवादों (Land Disputes) के इतिहास (History) को फिर से जीवित (Revived) करती है, जहां टाटा स्टील और स्थानीय मूलवासियों के बीच मालिकाना हक (Ownership Rights) को लेकर संघर्ष (Conflict) हमेशा बना रहा है। अब देखना यह है कि यह आंदोलन कितना बड़ा रूप लेता है और प्रशासन इस पर क्या प्रतिक्रिया (Response) देता है।
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