Ranchi चलो: पूर्व सैनिकों का सम्मान और रोजगार है संगठन की प्राथमिकता, जानिए क्यों यह है समाज के लिए महत्वपूर्ण
रांची में आयोजित सैन्य सम्मेलन में पूर्व सैनिकों के सम्मान और रोजगार को प्राथमिकता दी गई। जानिए क्यों संगठन ने झारखंड में सैनिक समुदाय की सशक्त आवाज़ बनाना शुरू किया है।
रांची में आयोजित एक प्रमुख सैन्य सम्मेलन ने न केवल पूर्व सैनिकों के सम्मान को बढ़ावा दिया, बल्कि उनके रोजगार के अवसरों को सुनिश्चित करने का भी वादा किया। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद (एबीपीएसएसपी), जमशेदपुर के अध्यक्ष विनय कुमार यादव ने इस कार्यक्रम में सैनिकों की सम्मानजनक जीवनशैली को समाज के साथ जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर एक मजबूत सैनिक संगठन बनाने की दिशा में काम करना चाहिए, जिससे सैन्य हितों की रक्षा के साथ-साथ पूर्व सैनिकों को स्तरीय रोजगार मिल सके।
यह कार्यक्रम एग्रिको में आयोजित किया गया, जहां भारतमाता के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शहीदों को नमन किया गया। इस अवसर पर सत्य प्रकाश द्वारा प्रस्तुत किया गया संगठन गीत, माहौल में एक नई ऊर्जा भरने का काम किया। कार्यक्रम का प्रारंभ भारतीय सेना के सम्मान में हुआ और फिर परिचय सत्र हुआ, जिसे मनोज कुमार सिंह ने संचालन किया।
संगठन के महामंत्री जितेंद्र कुमार सिंह ने झारखंड में एबीपीएसएसपी के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह संगठन 2008 से झारखंड के पूर्व सैनिक समुदाय की सेवा कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार और सैन्य बलों से अपेक्षित मान्यता नहीं मिली है। उनका कहना था कि यह मान्यता की कमी संगठन की क्षमता को प्रभावित करती है, और पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान में रुकावट डालती है।
संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अवधेश कुमार ने इस स्थिति से उबरने के लिए सामूहिकता और एकता की अहमियत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "यह जरूरी है कि हम राज्य सरकार और अन्य एजेंसियों को अपनी उपस्थिति से अवगत कराएं। यदि हम अपनी शक्ति और एकता को प्रदर्शित कर पाए, तो झारखंड में पूर्व सैनिकों और मातृशक्ति के एक मजबूत संगठन का संदेश समाज और प्रशासन तक पहुंचेगा।"
एबीपीएसएसपी के संस्थापक राजकुम शर्मा ने इस आयोजन की घोषणा करते हुए बताया कि संगठन 11-12 जनवरी 2025 को रांची में 'सैन्य महासम्मेलन' आयोजित करेगा, जो सैनिक समुदाय के लिए एक प्रदर्शनी होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस महासम्मेलन के माध्यम से, हम राज्य और समाज को यह समझा सकेंगे कि पूर्व सैनिकों का एक सशक्त और संगठित समूह किसी भी आपदा या संकट के समय मदद के लिए तैयार है।
इस अवसर पर विभिन्न महत्वपूर्ण पूर्व सैनिकों ने सम्मेलन में भाग लिया, जिनमें सत्येंद्र सिंह, विश्वजीत, सत्यप्रकाश, संजीव कुमार सिंह, पवन कुमार, दीपक शर्मा, विनय यादव, जितेन्द्र सिंह, उमेश सिंह और अन्य कई पूर्व सैनिक शामिल थे।
वर्तमान में, संगठन के साथ जुड़े हुए लोगों में सूबेदार एसएस रोड, हवलदार अवधेश कुमार राय, हवलदार मिथलेश सिंह, और हवलदार सार्जेंट समीर दत्ता प्रमुख हैं। इस सम्मेलन में कुल 85 पूर्व सैनिक उपस्थित रहे, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में अपनी भागीदारी दी।
यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसका उद्देश्य न केवल पूर्व सैनिकों का सम्मान करना था, बल्कि उनके रोजगार के अधिकारों और समाज में उनकी उचित जगह बनाने की दिशा में एक मजबूत आवाज़ उठाना था। यह संगठन अब झारखंड में एक बड़े और सशक्त संगठन के रूप में उभरने की ओर अग्रसर है, जो समाज और प्रशासन में बदलाव ला सकता है।
इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि जब पूर्व सैनिकों का एकजुटता और संगठन शक्ति को सही दिशा में लगाया जाता है, तो उनके अधिकारों और समस्याओं को सुना और समझा जाता है। आगे चलकर, इस महासम्मेलन के बाद राज्य सरकार और प्रशासन से अपेक्षित सहयोग मिलने की पूरी संभावना है, जो पूर्व सैनिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
रांची में आयोजित यह सम्मेलन, पूर्व सैनिकों के सामूहिक प्रयासों का प्रतीक था, जो न केवल उनके सम्मान की बात करता है, बल्कि उन्हें रोजगार और मान्यता दिलाने के लिए एक मजबूत आंदोलन की शुरुआत कर रहा है।
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