एनसीएलटी में इंकैब इंडस्ट्रीज मामले की सुनवाई, वेदांता का प्रस्ताव सबसे ऊपर

एनसीएलटी में इंकैब इंडस्ट्रीज मामले की सुनवाई, वेदांता का प्रस्ताव सबसे ऊपर

Jul 2, 2024 - 18:25
Jul 4, 2024 - 18:03
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एनसीएलटी में इंकैब इंडस्ट्रीज मामले की सुनवाई, वेदांता का प्रस्ताव सबसे ऊपर
एनसीएलटी में इंकैब इंडस्ट्रीज मामले की सुनवाई, वेदांता का प्रस्ताव सबसे ऊपर

कोलकाता स्थित नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में इंकैब इंडस्ट्रीज को लेकर सुनवाई हुई। सदस्यों अरविंद देवनाथन और बिदीसा बनर्जी की बेंच ने मामले की समीक्षा की। पिछले दो-तीन महीनों से बेंच तथाकथित वित्तीय लेनदारों को सुन रही थी।

वेदांता के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बेंच को बताया कि उनके मुवक्किल ने इंकैब कंपनी में 545 करोड़ रुपये लगाने का वादा किया है, जो कि एक बड़ा प्रस्ताव है। उनका दावा था कि जमशेदपुर की उत्पादन इकाई 24 सालों से बंद पड़ी है और पुणे की 8 सालों से। उन्होंने बेंच से अनुरोध किया कि वेदांता के रिजोल्यूशन प्लान को स्वीकार किया जाए।

मजदूरों के वकील अखिलेश श्रीवास्तव ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और बताया कि तथाकथित वित्तीय लेनदारों ने एनसीएलटी को डिफाल्ट की तारीखें नहीं बताई हैं। उन्होंने कहा कि इंकैब कंपनी 1993 से बंद है और इसके ऋण एनपीए हो चुके हैं। इसके बावजूद, बेंच सुनवाई क्यों कर रही है?

अखिलेश श्रीवास्तव ने आगे कहा कि कोई भी अधिवक्ता बैंकों के ऋण स्वीकृति पत्र, चार्ज के दस्तावेज और एनपीए के दस्तावेजों को प्रस्तुत नहीं कर रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि वेदांता से 545 करोड़ रुपये क्यों चाहिए, जब कमला मिल्स का रमेश घमंडीराम गोवानी इंकैब कंपनी का 500 करोड़ रुपये हड़प कर बैठा है।

बेंच ने मजदूरों के वकील की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि वे मजदूरों के मामले की अलग से सुनवाई करेंगे और इसकी तारीख बाद में घोषित की जाएगी।

इस सुनवाई में कर्मचारियों की ओर से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव, मंजरी सिंहा और आकाश शर्मा ने हिस्सा लिया।

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Chandna Keshri चंदना केशरी, जो गणित-विज्ञान में इंटरमीडिएट हैं, स्थानीय खबरों और सामाजिक गतिविधियों में निपुण हैं।