World Celebration: महिलाओं के हक की बड़ी जंग, कब मिलेगी बराबरी?
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 की थीम "For ALL Women and Girls: Rights. Equality. Empowerment" रखी गई है। जानिए, इस साल महिला अधिकारों के लिए क्या बदलाव होने जा रहे हैं।

नई दिल्ली: 8 मार्च को दुनियाभर में International Women's Day मनाया जाता है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या महिलाओं को अब भी वह अधिकार और सम्मान मिला है, जिसकी वे हकदार हैं? 2025 का महिला दिवस खास होने वाला है, क्योंकि इस साल की थीम है— "For ALL Women and Girls: Rights. Equality. Empowerment", जो महिलाओं और लड़कियों के हक, समानता और सशक्तिकरण की बात करती है।
2158 तक भी नहीं मिलेगी बराबरी?
विश्व आर्थिक मंच (WEF) की एक रिपोर्ट चौंकाने वाली है। इसके मुताबिक, मौजूदा रफ्तार से अगर बदलाव होता रहा, तो 2158 तक भी जेंडर इक्वेलिटी पूरी तरह नहीं आ पाएगी। यानी, हमें अभी भी पांच पीढ़ियों तक इंतजार करना होगा! यही वजह है कि इस बार की थीम #AccelerateAction यानी बदलाव की गति तेज करने पर जोर देती है।
30 साल बाद भी अधूरी है बीजिंग डिक्लेरेशन की बातें
यह साल खास इसलिए भी है क्योंकि 1995 में बीजिंग डिक्लेरेशन और प्लेटफॉर्म फॉर एक्शन को 30 साल पूरे हो रहे हैं। तब 189 देशों ने महिला अधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए एक ऐतिहासिक संकल्प लिया था। लेकिन 30 साल बाद भी महिलाओं के खिलाफ हिंसा, आर्थिक असमानता और राजनीतिक भागीदारी की कमी जैसे मुद्दे जस के तस बने हुए हैं।
क्यों जरूरी है महिला दिवस?
महिला दिवस सिर्फ जश्न मनाने का दिन नहीं, बल्कि समाज में महिलाओं के योगदान को सराहने और उनके हक की लड़ाई को आगे बढ़ाने का एक मंच है। इसका उद्देश्य है:
महिला अधिकारों की रक्षा
समान वेतन और रोजगार के अवसर
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच
राजनीति और नेतृत्व में अधिक भागीदारी
महिला दिवस के रंगों का मतलब
IWD के तीन खास रंग होते हैं—
बैंगनी: न्याय का प्रतीक
हरा: उम्मीद का प्रतीक
सफेद: शुद्धता का प्रतीक
???????? भारत में महिलाओं के अधिकार और चुनौतियां
भारत में महिलाओं को संविधान और कई कानूनों के तहत अधिकार मिले हुए हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और कहती है।
महिला सशक्तिकरण के लिए भारत में मौजूद कानून:
समानता का अधिकार: संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 महिलाओं को समानता का अधिकार देता है।
समान वेतन का अधिकार: समान कार्य के लिए पुरुषों और महिलाओं को बराबर वेतन देने का प्रावधान है।
घरेलू हिंसा से सुरक्षा: महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाने के लिए विशेष कानून मौजूद हैं।
अब क्या किया जाना चाहिए?
IWD 2025 का संदेश स्पष्ट है—सिर्फ चर्चा नहीं, अब ठोस कदम उठाने का समय है!
शिक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता पर जोर
महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा
महिलाओं की डिजिटल भागीदारी को बढ़ाना
कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल
अब और इंतजार नहीं!
2025 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि एक क्रांति की शुरुआत होनी चाहिए। यह समय है, जब हम महिलाओं को केवल "सम्मान" नहीं, बल्कि उनका "हक" देने की दिशा में काम करें।
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