आदिवासियों के धर्मांतरण पर हाईकोर्ट सख्त! जानें केंद्र और राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए?
झारखंड में आदिवासियों के धर्मांतरण को रोकने के लिए हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब। जानें इस जनहित याचिका के पीछे की कहानी और अब तक उठाए गए कदम।
आदिवासियों के धर्मांतरण को रोकने के लिए हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय और न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा है कि झारखंड के किन-किन जिलों में आदिवासियों का धर्मांतरण जारी है और इसे रोकने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।
इस जनहित याचिका को समाजसेवी सोमा उरांव ने दायर किया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि चंगाई सभा के माध्यम से आदिवासियों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराया जा रहा है। याचिकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट में कहा कि इस तरह के प्रलोभन और धर्मांतरण को तुरंत रोका जाना चाहिए।
खंडपीठ ने दोनों सरकारों से इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को निर्धारित की गई है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि केंद्र और राज्य सरकारें इस गंभीर मुद्दे पर क्या कार्रवाई करती हैं और आदिवासियों के धर्मांतरण को रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जाते हैं।
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