गुवा खदान में 4 जुलाई से अनिश्चितकालिन स्लो डाउन आंदोलन - मधु कोड़ा का नेतृत्व
गुवा खदान में बाहरी लोगों की जॉइनिंग के विरोध में 4 जुलाई से अनिश्चितकालिन स्लो डाउन आंदोलन प्रारंभ होगा। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के नेतृत्व में मजदूरों की प्रमुख मांगें और संघर्ष की पूरी कहानी।
गुवा खदान में मजदूरों की आवाज बुलंद हो रही है, और यह आवाज 4 जुलाई से और भी मजबूत होने वाली है। गुवा खदान में अनिश्चित कालिन स्लो डाउन आंदोलन की घोषणा की गई है, जिसका नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने मजदूरों के हक के लिए हमेशा अपनी आवाज उठाई है। उनका नेतृत्व इस आंदोलन को और भी मजबूती प्रदान कर रहा है।
गुवा सेल खदान में बाहरी 18 लोगों को दिए गए जॉइनिंग को लेकर मजदूरों में असंतोष व्याप्त है। यह जॉइनिंग पिछले दिसंबर माह में हुई थी, जिसे लेकर अब तक विवाद जारी है।
मजदूरों की प्रमुख माँग है कि बाहरी लोगों की जॉइनिंग को निरस्त किया जाए और 500 सप्लाई व ठेका मजदूरों को परमानेंट किया जाए।
संयुक्त यूनियनों, मजदूरों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने गुवा सेल के जनरल आफिस का घेराव कर अपना विरोध दर्ज कराया। यह शक्ति प्रदर्शन उनके संघर्ष की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। सेल प्रबंधन ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बोकारो में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की, लेकिन अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।
4 सूत्री मांगों को लेकर की गई वार्ता बेनतीजा निकली, जिससे मजदूरों में निराशा और गुस्सा बढ़ गया।मधु कोड़ा ने घोषणा की है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती, तब तक गुवा खदान में अनिश्चित कालिन स्लो डाउन आंदोलन जारी रहेगा।आंदोलन को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाते हुए, मजदूर अपने हक की लड़ाई को अंतिम मंजिल तक पहुंचाएंगे।
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