केंद्र सरकार की जीएसटी एमनेस्टी स्कीम: टैक्सपेयर्स के लिए राहत का अवसर
केंद्र सरकार ने जीएसटी एमनेस्टी स्कीम को नोटिफाई किया है, जो 1 नवंबर 2014 से प्रभावी होगी। जानें कैसे टैक्सपेयर्स इस योजना से लाभ उठा सकते हैं।
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर 2024: केंद्र सरकार ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) एमनेस्टी स्कीम को नोटिफाई कर दिया है। यह स्कीम 1 नवंबर 2014 से प्रभावी होगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना का ऐलान जुलाई में पेश किए गए यूनियन बजट में किया था। अब मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस ने इस स्कीम का नोटिफिकेशन 8 अक्टूबर को जारी किया।
इस स्कीम का लाभ उन टैक्सपेयर्स को मिलेगा, जिनके 1 जुलाई 2017 से 31 मार्च 2020 के बीच के टैक्स के मामले लंबित हैं। जीएसटी एमनेस्टी स्कीम के तहत, टैक्सपेयर्स कम इंटरेस्ट और पेनाल्टी चुकाकर अपने मामलों का निपटारा कर सकते हैं। इस योजना के तहत, उन टैक्सपेयर्स को फायदा मिलेगा, जिन्हें सेक्शन 73 के तहत नोटिस या ऑर्डर मिला है। हालांकि, फ्रॉड के मामलों को छोड़कर ही यह लाभ मिलेगा।
इस स्कीम के अंतर्गत, टैक्सपेयर्स को केवल इंटरेस्ट और पेनाल्टी के अमाउंट में राहत मिलेगी। उन्हें टैक्स डिमांड अमाउंट चुकाना होगा। इसके लिए, सरकार ने फाइनेंस बिल में सेक्शन 128ए शामिल किया है। इस सेक्शन के तहत, सेक्शन 73 के तहत भेजे गए नोटिस के मामलों में टैक्सपेयर्स को इंटरेस्ट और पेनाल्टी में राहत मिलेगी।
सरकार का मानना है कि जीएसटी एमनेस्टी स्कीम से टैक्सपेयर्स को बहुत राहत मिलेगी। साथ ही, ट्रिब्यूनल्स और अदालतों में अपील के मामलों की संख्या में भी कमी आएगी। इस स्कीम के आने के बाद, व्यावसायिक घराने सिर्फ बकाया कर चुका कर अपने पेंडिंग मामलों का निपटारा कर सकेंगे।
इस योजना का उद्देश्य टैक्सपेयर्स को सशक्त करना है और उन्हें अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान करना है। इस स्कीम से सरकार को भी यह उम्मीद है कि टैक्स कलेक्शन में सुधार होगा और व्यवसायियों को राहत मिलेगी। यह स्कीम व्यवसायियों के लिए एक सुनहरा अवसर है।
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