दिवाली से पहले तोहफा: सरकार ने बढ़ाई मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी, 1 अक्टूबर से लागू होंगी नई दरें

सरकार ने निर्माण, खनन और कृषि जैसे अनौपचारिक क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। जानिए कैसे यह फैसला महंगाई से निपटने में करेगा मदद?

Sep 26, 2024 - 23:25
Sep 26, 2024 - 23:31
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दिवाली से पहले तोहफा: सरकार ने बढ़ाई मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी, 1 अक्टूबर से लागू होंगी नई दरें
दिवाली से पहले तोहफा: सरकार ने बढ़ाई मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी, 1 अक्टूबर से लागू होंगी नई दरें

26 सितंबर, 2024: सरकार ने दिवाली से पहले निर्माण, खनन और कृषि जैसे अनौपचारिक क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी करने का फैसला किया। यह बढ़ी हुई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी, जिससे लाखों मजदूरों को राहत मिलेगी।

इस कदम का उद्देश्य बढ़ती महंगाई से निपटने में श्रमिकों की मदद करना है। सरकार ने बताया कि औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में 2.40 अंकों की बढ़ोतरी हुई है, जो इस फैसले का आधार बनी। मजदूरों के वेतन को महंगाई के मुताबिक हर साल दो बार अप्रैल और अक्टूबर में रिवाइज किया जाता है।

सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, नई न्यूनतम मजदूरी दरें इस प्रकार हैं:

 वेतन को 26 दिनों के काम के आधार पर तय किया गया है।

मजदूरी में बढ़ोतरी का कारण

सरकार हर 6 महीने में न्यूनतम मजदूरी रिवाइज करती है। यह बदलाव उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) और महंगाई की औसत दर के आधार पर किया जाता है। इस बार CPI में 2.40 अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे महंगाई का दबाव बढ़ा है। ऐसे में श्रमिकों की क्रय शक्ति (purchasing power) बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।

महंगाई का प्रभाव और श्रमिकों की मदद

महंगाई का सीधा असर श्रमिकों की दैनिक जरूरतों पर पड़ता है। देश में रिटेल और होलसेल महंगाई लगातार बढ़ रही है। खाने-पीने की चीजों की कीमतें भी तेजी से बढ़ी हैं। इसके अलावा, एक सामान्य थाली की कीमत में भी इजाफा हुआ है। ऐसे में मजदूरी में बढ़ोतरी मजदूरों की जीवन-यापन की स्थिति को सुधारने के लिए अहम है।

सरकार का रुख

सरकार ने कहा कि न्यूनतम मजदूरी में इस वृद्धि से अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों को लाभ होगा। यह मजदूरों को महंगाई से निपटने में मदद करेगा, साथ ही उनके जीवन स्तर में भी सुधार लाएगा। सरकार के मुताबिक, न्यूनतम मजदूरी का निर्णय पूरी तरह से CPI और इन्फ्लेशन पर आधारित है, ताकि श्रमिकों को वास्तविक लाभ मिल सके।

इस फैसले से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का यह कदम मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए आवश्यक था।

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Brij Mohan Shah Brijmohan Shah, जिन्होंने भूगोल में स्नातक किया है, राजनीति, धर्म, सामाजिक गतिविधियों और तकनीकी विषयों पर गहन विशेषज्ञता रखते हैं।